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Monday, October 8, 2012

बदलैत बिहारक एकटा हकीकत इहो अछि

पटना। बिहारक 15 गांव में अवैध दारू के 116 टा ठेका अछि। अहि ठाम शिक्षा पर अपन कमाईक तीन फीसदी आ दारू पर 25 फीसदी खर्च भ रहल अछि। ई बदलैत बिहारक तस्वीरक एक पहलू अछि। गांवों में बच्चा स लय क बूढ़ तक दारू पीव रहल छैथ। समस्तीपुर में एकटा गांव एहेन अछि जतय सब प्राणी वैध-अवैध दारू पीवैत छैथ । ई बात एकटा सर्वे में आयल अछि।



नीतीश सरकारक नव शराब नीति शराब के गांव-गांव तक पहुंचा देलक। लोक-लाजक चलते पहिले लोग शराब भट्ठि में जाई स परहेज करैत छला। मुदा आब चाय-पानक दोकान में सेहो पाउच आसानी स भेट जैत अछि । पहिले जतय सांझ भेला पर मदिरालय सजैत छल , आब भोर- सांझ क भेद मिट चुकल अछि। सरकार अधिक रेवेन्यूक लेल शराब दोकंक पसार केलक।



राज्य में वैध-अवैध दारूक चलनक ल क नेशनल एलायंस ऑफ वीमेन आर्गनाइजेशन आ वीमेन नेटवर्क एकटा सर्वे केलक । सर्वेक नतीजा न खाली चौंकावैत अछि बल्कि ई डरावैत सेहो अछि। सबस खतरनाक बात अवैध दारूक खपतक ल क अछि। सर्वे में समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, मधुबनी, नवादा, नालंदा, सुपौल, खगड़िया, गया, भोजपुर, बेगूसराय, अरवल, सीवान आ वैशाली जिला में भेल। अहि जिलाक एक-एक गांव के स्टडीक लेल चुनल गेल छल।



सर्वे में पता चलल कि पांच साल पहिले 30 फीसदी मर्द शराब पीवैत छला, आब ई परसेंटेज बढ़ क 70 भ गेला। अहिना हैरान करई वाला तथ्य सामने आयल कि महिला में दारूक खपत सेहो बढ़ला। पांच साल पहिले जतय दू स तीन परसेंट गांवक महिला शराब पीवैत छली , ओतहि आब 10 परसेंट तक शराब पीवै लगीली हे। ओना अगर पूरा देशक बात करी त 9.8 फीसदी ग्रामीण आबादी शराब पीवैत अछि जहनी की शहरी क्षेत्र में एकर प्रतिशत आठ अछि।



एकटा सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक पूर्वी चंपारण में 27.6 परसेंट, मुजफ्फरपुर में 26.5, गया में 25.9, नालंदा में 25.7 आ नवादा मे 24.8 परसेंट आबादी शराब पीव रहल अछि। अहि स ई पता चलैत अछि की ग्रामीण इलाका में खपत तेजी स बढ़ रहल अछि।

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