
रंजना झा सांस्कृतिक कार्यक्रमक शुरुवात विद्यापति गीत 'जय-जय-जय भैरवी असुर भयावन, पशुपति भामिनी ..' स केलैनी। रंजना अहिक बाद मैथिली एकटा श्रृंगार रसक रचना 'सुनो-सुनो रसिया आब नय बजाऊ बंसिया गेलैनी।' रंजना के बाद बारी सूफी संगीतक छल। बेतिया स आयल असलम चिश्ती क सूफी संगीतक प्रस्तुति क लेल खास तौर पर बजायल गेल छल। सूफीक आरंभ अमीर खुसरोक अमर रचना 'छाप तिलक सब छीनी रे तोसे नैना मिलाके ..अपनी सी रंग लीन्ही रे तोसे नैना मिलाके' स भेल।
सूफीक बाद स्थानीय रवींद्र परिषदक कलाकार सभई कोरियो आह्वान स शुरू केलैनी आ तकर बाद गुरुदेव रवींद्र नाथ टैगोरक अमर रचना 'एकला चलो रे' गेलैनी। अंत में बिहार गौरव गानक प्रस्तुति नव आ जबर्दस्त कोरिओग्राफक संग पेश कायल गेल। बिहार गौरव गानक संग सांस्कृतिक कार्यक्रमक समापन भेल।
No comments:
Post a Comment