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Friday, June 29, 2012

बारहवी पास केलाक बाद असमंजस

बारहवी पास केलाक बाद विद्यार्थी सब के आगू के पढ़ाई लेल मन में असमंजस रहा छैन , आब आगू की करू कतय
नाम लिखाऊ कुन कोर्स करू आ कम स कम पाई में बढ़िया काज भ जाई आ अभिभावक के बेसी भार नै दैत अप्पन
पाठन में अग्रसर होई जय स स्वर्णिम भविष्य के निर्माण में सहयोग भेटै एवं नीक कंपनी में नौकरी लैग जाई बस
ठाठ स ज़िंदगी मौजा ही मौजा. लेकिन एहि लेल जरुरी ऐच्छ नीक मार्गदर्शन आ नीक कोलेज में नामांकन. अहि लेल
चिंता फीकर करनाई स्वाभाविक बात ऐच्छ. एहि महत्वपूर्ण काज में मिथिलांचल के सपूत श्री विभय कुमार झा काफी
साल स लागल छैथ. विद्यार्थी के हरसंभव नीक रास्ता देखाबैत हुनक इच्छानुसार कोर्से लेल गाइड आ मार्गदर्शन में
अहम् सहयोग पिछला एक दशक स क रहल छैथ. विभय कुमार झा www.VKJha.in मिथिलांचल के प्रसिद्ध परिवार
स ताल्लुक रखैत छैथ. विभय जी Little Angel's School पटना , कोलकाता एवं केंद्रीय विद्यालय पीतमपुरा ,
नयी दिल्ली स स्कूल के शिक्षा दीक्षा लेलन्हि. दिल्ली विश्वविद्यालय के राजधानी कॉलेज स स्नातक एबम गाज़ियाबाद के
प्रतिष्ठित बिजनेस मैनेजमेंट कॉलेज BLS Institute of Management स पोस्ट ग्रेजुएट विभय झा सन २००५ स
बिभिन्न प्रतिष्ठान में नौकरी क रहल छथीन. वर्तमान में सिंगापूर के एक बहुराष्ट्रीय प्रतिष्ठान में मानव संसाधन एबम
प्रशासन विभाग में कार्यरत छैथ. रुचि में संगीत , देश विदेश घूमनाई , शतरंज एवं बैडमिन्टन खेलनाई ,फोटोग्राफी
एवं पार्टी अटेंड करै के साथ साथ विभय जी राजनीतिक गतिविधि में सेहो रुचि रखैत छैथ. विभय जी के नेटवर्क नीक
होई के कारण बिभिन्न कॉलेज आ विश्वविद्यालय में बढ़िया सम्बन्ध बनने छैथ. ताहि हेतु नामांकन के समय में विद्यार्थी
के सहायता में काफी सक्रिय भ जाइत छैथ..अगर अहू सब असंजस में छी आ समाधान चाहैत छी त विभय जी स
सम्पर्क क सकैत छी.

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साभार : विभय कुमार झा
 
 

Tuesday, June 12, 2012

मैथिली जर्नल तिरहुत क विमोचन

मुजफ्फरपुर : बीआरए बिहार विवि क मैथिली विभाग में सोमदिन एक समारोह में मैथिली जर्नल ‘तिरहुत’ क विमोचन कायल गेल. विमोचन कुलपति डॉ विमल कुमार केलैनी.उक्त जर्नल में साहित्य क विभिन्न विधा पर समीक्षात्मक निबंध शामिल कायल गेल अछि .अहि जर्नल क मुजफ्फरपुर, दरभंगा, मधुबनी क अलावा मैसूर (बैंगलुरु) क मैथिली विशेषज्ञ सब लिखलैनी हे .
प्रमुख रचनाकार में साहित्य एकेडमी क विद्यानाथ झा, सुरेश्वर झा, मोहन भारद्वाज, रामानंद रमा, कमला चौधरी आ आइडी झा शामिल छैथ.अहि मौका पर अपन संबोधन में कुलपति डॉ विमल कुमार शोध पत्रिका क छात्र-छात्रा आ शोधार्थि क लेल काफी लाभकारी बतेलैनी. समारोह में डॉ कमला चौधरी, डॉ इंद्रनाथ झा, डॉ सदाशिव खवारे, डॉ राज कुमार झा सहित अन्य शिक्षक आओर विवि पदाधिकारी मौजूद छलैथ.

बीमारी आब 'यमराज' के जेहेन प्रतीत भ रहल अछि

बिहारक मुजफ्फरपुर जिला क औराई प्रखंडक कोरियाही गांवक चार वर्ष आरती क मौत क बाद हुनक घर में मातम पसरल छैन। हुनकर मां क आंखी स नोर रुकी नहीं रहल छैन त हुनकर पैघ भाई अपन पिता क लग ठाड़ भ इ दिलासा द रहल छथिन कि भगवान क  येह मर्जी छलैनी। ई खिस्सा जिलाक कोनो एक प्रखंड क नहीं अछि, लगभग सब प्रखंड क बस्ति में लोग क अज्ञात बीमारीक डर मन में बैसी गेल छईन। हुनका सब के ई  बीमारी आब 'यमराज' के जेहेन प्रतीत भ रहल छैनी आ मन में ई डर बैसल छईन  की कहू ई बीमारी हुनका घर में सेहो नही आवी जाई।

कोरियाहीये गांम में अहि अज्ञात बीमारी स पीड़ित छोटी कुमारी क पिता रामेश्वर कहैत छैथ कि आखिर अस्पताल में जाई स की होयत। ओतयो त बच्चा सब मरीये  रहल अछि। ओ आक्रोश में कहलैथ कि आखिर गर्मी शुरू होई क पहिले सरकार अहि रोगक इलाज किएक नहीं खोजलक  जहैनी की हर साल अहि बीमारी स  सैकड़ों गरीब बच्चा क जान जा रहल छई।

इम्हर, दू  वर्षक अन्नु क मां कहैत छईथ , "सरकार त लापरवाह अछिये संगही भगवान सेहो ई बीमारी खाली गरबे  क देत छथिन। आखिर एकर इलाज कतय होयत। सुनैत छियई कि मच्छर क काट स ई बीमारी होइत अछि त फेर दवा क छिड़काव किएक नहीं होइत अछि।"

बिहार के मुजफ्फरपुर, गया आ पटना क अस्पताल में अहि अज्ञात बीमारी स अहि साल एखन तक 100 स बेसी बच्चाक मौत भ चुकल अछि। किछ चिकित्सक अहि बीमारी क 'एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम' कही रहल छैथ जहनी की किछ चिकित्सक अहि बीमारी पर नव शोध हेवाक जरूरत बता रहल छाईथ।

राज्य क स्वास्थ्य मंत्री अश्विनी चौबे कहलैथ की नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआइवी), पुणे क चिकित्सक सबक  मत अछि कि अहि बीमारीक वायरस क पहचान के लेल सीधे मस्तिष्क स ऊतक क आवश्यकता अछि। आ इ तखने सम्भव होयत जहैनी एकरा महामारी घोषित कायल जाय। ओ कहला कि अहि मामला में ओ केंद्र सरकार स बात करे वाला छाईथ । दुनु सरकार क सहमति क बाद आगाक कदम उठायल जायत। ओ इहो कहला कि अधिकांश मौत एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम बीमारी स भ रहल अछि।

चौबे कहलैथ कि इ बीमारी कोनो नव नहीं अछि। हुनक दावा अछि कि 1995 में सेहो अहि अज्ञात बीमारी स500 स बेसी बच्चाक मौत भ चुकल अछि। स्वास्थ्य विभाग के आंकडा क अनुसार 2007 स एखन  धरी अहि बीमारी स 570 बच्चाक मौत भ चुकल अछि।
 
पिछला 27 मई स एखन धरि राज्य में 100 से बेसी बच्चाक मौत भ गेला जहैनी की 97 स बेसी बच्चा  मुजफ्फरपुर, गया आर पटना क अस्पताल सब में भर्ती छैथ। सबस ज्यादा मौत मुजफ्फरपुर जिला क अस्पताल में भ रहल अछि।


इम्हर, नई दिल्ली स मुजफ्फरपुर आयल 'नेशनल वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम' (एनवीबीडीसीपी) क  टीम श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एसकेएमसीएच) में भर्ती भेल मरीजक हालचाल लेलैनी आ हुनक रिपोर्ट के अध्ययन केलैनी।

मुजफ्फरपुर के सिविल सर्जन ज्ञानभूषण कहलैथ कि दल मरीज के ब्लड सुगर, लीवर फंक्शन, रीढ़ क पानी सहित अन्य रिपोटक जांच केलैनी। सूत्र क मुताबिक टीम अहि स्थिति के ल क सबस ज्यादा नाराज नजर आवि रहल छैथ कि आखिर समय रहैत मरीज अस्पताल किएक नहीं पहुंच पावि रहल छैथ। दल टीकाकरण कार्यक्रम के सेहो समीक्षा केलक।

Monday, June 11, 2012

कांस्य युग में सेहो छल सोशल नेटवर्किंग साइट!

वैज्ञानिक कांस्य युगीन सभ्यताक लोग द्वारा आपस में बातचीत करै क लेल उपयोग कायल जाई वाला फेसबुकक प्राग ऐतिहासिक संस्करण खोजईक दावा केलक अछि। 
रूस आओर स्वीडन में दू टा ग्रेनाइट चट्टान स्थल पर बनल तस्वीर के अध्ययन केलाक बाद कैम्ब्रिज विश्वविद्यालयक टीम दावा केलक कि ई स्थल सोशल नेटवर्किंग साइटक प्राचीन संस्करण अछि, जतय उपयोगकर्ता अपन विचार आ भावना क सांझा करैत छला आ एक दोसरक सहयोग पर स्वीकृतिक लगावैत छला। ई पूर्णतया ओहने छल, जेना आई काइल फेसबुक पर लाइक केल जैत अछि।
शोधकर्ता मार्क सापवेल एकटा बयान में कहलैथ कि अहि जगह के बारे में किछ वाकई बहुत विशेष अछि। हमरा लागैत अछि कि लोग ओतय अहिलेल गेला, कियाक हुनका बुझल छल की हुनका स पहिले ओतय किछ लोग गेल छलैथ। 

विश्वक पहिल यूनिवर्सिटी फेर स नव राह देखावक लेल तैयार

नालंदा विश्वविद्यालय (एनयू) एक बेर फेर स विश्व क राह  देखायत । ई अपन हारावल ख्याति क वापस प्राप्त करत । एकर पूरा तैयारी कायल जा रहल अछि। एतय पढ़ाओल  जाई वाला पाठ्यक्रम बेस प्रभावी होयत। पाठ्यक्रम निर्माण पर विशेष ध्यान देल गेल अछि। उक्त बात विश्वविद्यालयक  कुलपति गोपा सभरवाल कहलैनी।  ओ कहलथि  कि विश्वविद्यालय क ढांचा निर्माण में हवा क बहाव, सूर्यक रोशनी आ बहैत पानी क ख्याल राखल गेल अछि। 



विश्वविद्यालयक पहिल इवेंट



एनयू कुलपति गोपा सभरवाल कहलैनी कि 19 जुलाई क बोर्ड मीटिंग के तुरंत बाद 20 जुलाई स 22 जुलाई 2012 धरी  पटना में इंडियन काउंसिल ऑफ कल्चरल रिसर्चक संग  कांफ्रेंस ‘सिविलाइजेशन डायलॉग एंड द एशियन’ आयोजित होयत। जाहिमे 15 देशक प्रतिनिधि भाग लेता।



केन्द्र स भेट रहल अछि मदद



ओ कहलैनी कि नालंदा विश्वविद्यालयक काम क प्राथमिकता देवक लेल विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव नालंदा के पद सृजित केलैनी हे। अहि के अतिरिक्त मोंटेक सिंह अहलूवालिया क अध्यक्षता में योजना आयोगक  एक पृथक कमेटी सेहो गठित भेला। 



पृष्ठभूमि बनल ताकत



ओ कहलैनी कि नालंदा के ग्रामीण पृष्ठभूमि ओकर ताकत अछि। ग्रामीण क्षेत्र क शहरी सुविधा उपलब्ध करावई क बेहतरीन मॉडल विश्वविद्यालय पेश करत। अहिक लेल 'रूलराइजेशनक' विशेषज्ञ प्रोफेसर ते क्योंग शून काम क रहल छियाथ।



बंद नहीं भेला मदद



कुलपति गोपा सभरवाल कहलैनी  कि अंतरराष्ट्रीय मदद बंद नहीं भेला। बिना मांगने सब देश सबस पूर्ण मदद भेट रहल अछि। चीन स एक मिलियन डालर, थाईलैंड स एक लाख डालर, यूनेस्को के गुडविल एम्बेसडर मदनजीत सिंह स 1 मीलियन डालर क घोषणा कायल जा चुकल अछि। अहिक अलावा आस्ट्रेलिया आर सिंगापुर स मदद भेटै वाला अछि। ओ कहलैनी कि हमर प्राथमिकता प्रोजेक्ट क ठाड़ केनाई अछि। 



दिल्ली शिफ्ट हुअ क खबर अफवाह



ओ स्पष्ट कहलैनी कि नालंदा विश्वविद्यालयक दिल्ली स्थानांतरित हुअ  क खबर अफवाह मात्र अछि। ओ कहलैनी कि विश्वविद्यालयक मौलिकता स कोनो छेड़-छाड़ नहीं होयत। विश्वविद्यालय हर हाल में राजगीर में बनत।

Sunday, June 10, 2012

बिहार में रहस्यमय बीमारी स एखन धरि 96टा बच्चा के मौत


बिहार में लगभग दू दशक स हर साल गर्मी के मौसम में अज्ञात बीमारी स बच्चा के मौत होइत अछि आ अहि साल सेहो ई सिलसिला जारी अछि जहनी की सरकार इलाज त  दूर अहि बीमारी के पहचान करै में सेहो विफल अछि। हालांकि स्वास्थ्य विभाग दावा क रहल अछि  कि ओ अहि स निपटई के लेल पूरा इंतजाम केलक अछि लेकिन हकीकत ई अछि कि पिछला 15 दिन में अहि बीमारी स अखनी तक 96 बच्चा काल के गाल में समा गेला। अपुष्ट खबर के मुताबिक ई संख्या अहि स बेसी अछि।



अहि अज्ञात बीमारी स सबस बेसी प्रभावित मुजफ्फरपुर जिला अछि। आई फेर ५ और बच्चा के मौत भ गेल आ  १२ अन्य बच्चा बिभिन्न अस्पताल में भर्ती करायल गेला।  



बतादी की अहि बीमारी के जांच जारी अछि, परंतु सम्भावना व्यक्त कयल जा रहल अछि कि ई 'एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिन्ड्रोम' भ सकैत अछि।


पटना के  जानल-मानल  चिकित्सक डॉ़ निशीन्द्र गांव में इलाज मुहैया करावई के आवश्यकता पर बल देलैथ। अनेक प्रभावित गांव के दौरा केलक बाद निशीन्द्र कहला की, "45 डिग्री सेल्सियस तापमान में बच्चा गांव में गंदगी वाला स्थान पर बिना कपड़ा के रौद में घुमैत छैथ ।" ओ प्रश्न केला कि आई कतेक  गांव में डीडीटी के छिड़काव कायल जैत अछि? ओ कहला कि अहि बीमारी के मूल कारण मच्छर, गंदगी आ कुपोषण अछि।



सत्तारुढ़ गठबंधन के घटक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बिहार इकाई के अध्यक्ष आ प्रसिद्ध चिकित्सक सी़ पी़ ठाकुर कहला की ई बीमारी 80 के दशक स प्रत्येक वर्ष गर्मी में ग्रामीण क्षेत्र में अपन कहर बरपावैत अछि।



स्वास्थ्य विभाग के तैयारी में विफल रहै के प्रश्न पर ओ कहला कि बात सफलता आ असफलता के नहीं अछि एकरा दूर करै के लेल सबके आगा आव पड़त । अखनी तक अहि बीमारी के नाम तक नहीं पता चलल अछि हालांकि ठाकुर कहला कि देश में जांच के सुविधा उपलब्ध नहीं भेला पर नमूना के विदेश भेजल जा सकैत अछि आ  ओ  अहि  विषय में स्वास्थ्य विभाग स स्वयं बात करता।



स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव अमरदीप सिन्हा बतेला  कि मुजफ्फरपुर आ गया के मेडिकल कॉलेज में अहि बीमारी स निपटई  के लेल चिकित्सक, दवा आ  एम्बुलेंस तक के व्यवस्था कायल गेला। ओ कहला, "विभाग अहि रहस्यमयी बीमारी स निपटई के हरसम्भव कोशिश क रहल अछि । सरकार 11 जिला के ध्यान में राखी क व्यापक स्तर पर टीकाकरण अभियान चला रहल अछि।"



सिन्हा के मुताबिक केंद्र सरकार के अनुसंधान टीम पूरा वर्ष एतय रही क  अहि  बीमारी के अध्ययन करत ।



बतादी कि पिछला साल सेहो अहि बीमारी स गया आ मुजफ्फरपुर जिला में 150 स बेसी बच्चा के  मौत भेल छल जहनी की  वर्ष 2010 में 35 आ   वर्ष 2009 में 50 बच्चा के  मौत भेल छल । 

राजनगर स रांटी चौक वाया पिलखवार सड़क भेल जर्जर

राजनगर नरकटिया चौक स वाया पिलखवार रांटी चौक तक जाई वाला मुख्य सड़क के जर्जर भ गेलाक कारण अहि मार्ग पर आवागमन अत्यधिक दुरुह भ गेला। अनेक जगह सड़क में प्रयुक्त कंक्रीट के उखड़ जाई के कारण अहि सड़क के सड़क कहनाई अतिशयोक्ति प्रतीत होयत। अहि कारण दू पहिया आ चार पहिया वाहन सवार के सफर करई में काफी मुश्किल भ रहल छैन । अहि सड़क के रांटी चौक स वाया चकदह जलधारी चौक तक जाई वाला नवनिर्मित बाइपास सड़क स सीधा जुड़ाव भेलाक के कारण लौकहा, अंधराठाढ़ी, लौकही समेत नेपाल स जाई आ उक्त जगह पर जाई वाला दू पहिया चार पहिया आ भारी वाहन के भारी दबाब अछि। अहि कारण राजनगर नरकटिया रांटी मुख्य सड़क के चौड़ीकरण आ ऊंचीकरण केनाई आवश्यक भ गेल अछि। उल्लेखनीय अछि कि प्रखंड मुख्यालय के जिला मुख्यालय स जोड़े वाला इ सड़क न्यूनतम दूरी के सड़क अछि। पिछला दू साल स जर्जर अहि सड़क के ओर अखनी तक नहीं त जनप्रतिनिधि के दृष्टि अहि पर गेला आ नही विभागीय आलाधिकारि के अहि कारण ग्रामीण के बीच काफी आक्रोश अछि। लोग जिला पदाधिकारी के ध्यान उक्त जर्जर सड़क के ओर आकृष्ट करावैत चौड़ीकरण आ ऊंचीकरण अविलंब करावई के मांग केलखिन हे।

Saturday, June 9, 2012

सीयूबी पर सिब्बल आ नीतीश के बीच फेर स होयत बात


केन्द्रीय विश्वविद्यालय बिहार (सीयूबी) मामला पर 8 जूनक बाद एक बेर फेर केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल आ  मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच वार्ता होयत । अहि के लेल केन्द्रीय शिक्षा मंत्री बिहार अयता । ई बात दिल्ली में राज्य के शिक्षा मंत्रि के बैठक स लौटला के बाद शिक्षा मंत्री प्रशांत कुमार शाही कहलैन। ओ कहला कि केन्द्रीय मंत्री कपिल सिब्बल 8 जून क विदेश दौरा पर जा रहल छियाथ। ओतय स लौटला के बाद ओ नीतीश से भेट करे के वक्त मांगलैथ  हे।



एएमयू पर शिलान्यास तिथि शीघ्र : शाही सिब्बल स मुलाकात के दौरान अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय मामला में राजनीति नहीं करे के बात कहलेनी। सिब्बल स ओ कहलैनी  कि एएमयू के लेल दिसंबर में ही जमीन आवंटित कय देल गेल, लेकिन मामला में कोनो सुगबुगाहट नहीं अछि। केंद्रीय मंत्री कहलैनी कि सीएम के संग वार्ता में कैंपस शिलान्यास के तिथि तय कायल जायत।



ट्रिपल आईटी के बिहार फार्मूला



केन्द्र सरकार विभिन्न राज्य में खोले वाला 20 ट्रिपल आईटी संस्थान के लेल बिहार सरकार के फार्मूला मान लेलक अछि । संस्थान के पीपीपी मोड में खोले  के लेल उद्योग के जगह सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम के शामिल कायल गेला। अहि के अलावा केन्द्र आ राज्य पीपीपी मोड में शामिल होयत।

Friday, June 8, 2012

बिहार में शिक्षकों की नियोजन प्रक्रिया शुरू


 बिहार के प्राथमिक आ मध्य विद्यालय में शिक्षक के खाली पद के देखैत नियोजन के प्रक्रिया संबंधी कार्य प्रारंभ भय गेल। अहि संबंध में शिक्षा विभाग पिछला महिना घोषित शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीइटी) के परीक्षाफल के आधार पर कक्षा 1 स 5 तक आ वर्ग 6 स 8 तक में खाली पद के बारे में पूरा जानकारी सब जिला कार्यक्रम अधिकारि (स्थापना) स मंगलक अछि।
शुक्रदिन शिक्षा विभाग के स्व. मदन मोहन झा स्मृति सभागार में प्राइमरी एजुकेशन के प्रभारी निदेशक आरएस सिंह के अध्यक्षता में जिला कार्यक्रम पदाधिकारि के बैठक भेल। श्री सिंह बैठक में निर्देश देलैनी कि स्कूल में शिक्षक के कतेक कमी अछि, अहि बारे में आगामी 30 जून तक सूची उपलब्ध करा दिय ताकि टीइटी के रिजल्ट के आलोक में शिक्षक के नियोजन प्रक्रिया प्रारंभ कायल जा सके। शिक्षक के रिक्ति के आकलन में ई देख ली कि पहिले स कतेक खाली पद अछि आ छात्र-छात्रा के आवश्यकता पर नव शिक्षक के कतेक पद चाहि।
प्रभारी निदेशक ने अधिकारि के निर्देश देल गेल अछि कि वेतनमान वाले जे पुरान शिक्षक छैथ हुनक प्रोन्नति के प्रक्रिया आगामी 15 जून तक पूरा भ जेबाक चाही। हालांकि आई के बैठक में शिक्षक के प्रोन्नति के सेहो समीक्षा कायल गेला जाहिमे जिला कार्यक्रम अधिकारियों द्वारा ई जानकारी देल गेल कि हर जिला में शिक्षक के प्रोन्नति प्रक्रिया चल रहल अछि।

Tuesday, June 5, 2012

अज्ञात बीमारी स अखनि तक २७ स बेसी मौत

बिहार के मुजफ्फरपुर आ गया जिला में अज्ञात बीमारी स पीड़ित बच्चा के मृत्यु के सिलसिला जारी अछि। पिछला 10 दिन के दौरान अज्ञात बीमारी स 20 बछा के मौत भ  चुकल अछि , जहनि की सूत्र २७ बच्चा के मौत के खबर बता रहल अछि। 

मुजफ्फरपुर जिला में स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी कहला कि मंगलदिन साढ़े तीन वर्ष के सकरा गांव निवासी अभिषेक के मौत भ गेल। सूत्र के अनुसार अखनि तक अहि बीमारी स दुनु जिला में 27 लोग के मौत भ चुकल अछि , जहनि की 50 स ज्यादा बच्चा बीमार पड़ल छैथ।



राज्य स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव अमरजीत सिन्हा मंगलदिन कहलैनी कि अखनि तक अहि अज्ञात बीमारी स 20 बच्चा के मौत भ चुकल अछि। अहि में मुजफ्फरपुर के 11 आ गया के नौ बच्चा शामिल अछि। ओ कहला कि वर्तमान समय में गया में पांच आ मुजफ्फरपुर में 31 बच्चा के इलाज चल रहल अछि।



सिन्हा अहि बीमारी को दिमागी बुखार (इंसेफलाइटिस) होई के बात खारिज क देलखिन। ओ कहला कि दुनु जिला में अहि बीमारी के देखैत विशेष कार्य योजना बनायल जा रहल अछि। बीमारी के बारे में जागरूकता पैदा करे के लेल सब गांव में पर्चियां बांटल जा रहल अछि आ प्रचार अभियान चलायल जा रहल अछि।



गया के अनुग्रह नारायण मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एएनएमसीएच) के शिशु रोग विशेषज्ञ कहलैनी कि अहि बीमारी स पीड़ित अधिकांश बच्चे गांव के छियाथ, जे गंदगी, गरमी आ गरीबी के कारण अहि बीमारी स ग्रस्त भ रहल छिया। कई दिन तक ओ इम्हर - उम्हर इलाज करावैत छियाथ आ  जहनि  स्थिति बिगड़ जैत अछि त ओ पैघ अस्पताल में आवैत छैथ। अंतिम समय में मरीज के बचा पेनाई  मुश्किल भ जैत अछि।



बतादी कि पिछला साल  एहने बीमारी स दुनु जिला में 150 स  बेसी लोग के मौत भ गेल छल।

माले कार्यकर्ता के बवाल में पिलखवार के मुखिया गुणानंद घायल


जिला के राजनगर थाना क्षेत्र के मंगरौनी गांव में सोमदिन देर शाम गांव के बोनही पोखर भिंडा पर स्थित माले के ग्रामीण कार्यालय में कथित रूप स आग लगावई के विरोध करै पर मारपीट करे के  घटना में आधा दर्जन स अधिक लोग के घायल होई के जानकारी भेटला। अहि घटना के बाद आक्रोशित माले समर्थक गांव के प्रकाशमणि झा के दालान पर लागल हुनक स्कार्पियों गाड़ी के फूंक देल गेल आ  ओतय लागल दो बाइक आ एक पिक अप वैन के क्षतिग्रस्त कय देल गेल। एतबे नही माले समर्थक के उग्र भीड़ गांव के सी बी रमन झा के निवास पर जा क हुनक घर में तोड़ फोड़ आ गैस, अटैची सहित अन्य सामान लूट लेलक आ घर के महिला आ गृहस्वामी के लाठी डंडा स पीट क बुरी तरह जख्मी के देलक।
घटना की जानकारी भेटते सदर एसडीओ अरूण कुमार झा आ डीएसपी कर्मलाल सदल बल घटना स्थल पर पहुंच क स्थिति के नियंत्रण केलैनी। जहनी की सूचना के बाबजूद राजनगर थाना पुलिस  वरीय अधिकारि के आबे के डेढ़ घंटा के बाद पहुंला । गांव में सशस्त्र बल के संग राजनगर थानाध्यक्ष कैंप क रहल छियाथ।
बता दी कि पिछला एक वर्ष स माले कार्यकर्ता आ पिलखवार - मंगरौनी ग्रामीणों के बीच कथित रूप स निजी जमीन पर कब्जा के ल क लगातार विवाद चल रहल अछि। आक्रोशित माले कार्यकत्र्ता  पिलखवार के मुखिया गुणानंद यादव पर तेज हथियार स वार क हुनका गंभीर रूप स जख्मी क देलकैनी ।

Monday, June 4, 2012

बिहार 13% विकास दर के संग देश में शिखर पर

13.1 प्रतिशत के शानदार विकास दर के संग विकास के दौड़ में कहियो सबस पाछा रहै वाला बिहार आई देश के सब राज्य स आगा अछि। अहि दौड़ में बिहार के बाद दिल्ली आ पांडिचेरी अछि।
छत्तीसगढ़ आ गोवा जे खदान संपदा के मामला में बेहद सम्पन्न मानल जाइत अछि, सेहो अहि पांच सबस अधिक तरक्की दर्ज करई वाला राज्य में शुमार अछि।
2011-12 के दौरान बिहार तरक्की के एक नव कहानी लिख देलक अछि, जेकर शुरुआत किछ साल पहिले भ चुकल छल। अहि अनोखी सफलता के बाद बिहार के अर्थव्यवस्था पंजाब स पैघ भ गेल अछि।
गौरतलब अछि कि बिहार के गरीब मजदूर कहियो पंजाब रोजी रोटी के लेल जाइत छला। लेकिन आब उम्मीद क सकैत छि कि हुनका सब के अपने राज्य में रोजी रोटी के साधन उपलब्ध भ जेतैन।

अपन नानिगांव पहुच क भावुक भ गेला गृह सचिव

केन्द्रीय गृह सचिव आर.के. सिंह अपन ननिहाल मधुबनी शहर के सन्निकट शंभुआड़ में शनिदिन क ग्रामीणों द्वारा निर्मित सड़क आ भानुप्रताप वर्मा क्रीड़ा मैदान के उद्घाटनोपरांत उपस्थित जनसमुह स कहलैनी कि अहि क्षेत्र के विकास के लेल हर संभव प्रयास करब। ओ कहला की एतय के लोग आ संस्कृति अन्य प्रांत स बेहतर अछि। एतय के प्रतिभा प्रकृति प्रदत अछि जे कतौ और नहीं देखैत अछि। अहि के एक नहीं ढेर सूचक अछि। ओ कहला की आई हम जे किछ छि से सिर्फ अहि लेल की हम अहि धरती के छि। श्री सिंह कहलैनी कि अहि मुकाम तक के सफ़र में जतेक योगदान हमर पैतृक धरती सुपौल के अछि ओतवे मधुबनी के शंभुआड़ के अछि। ओ कहलैनी की हम  अपन ननिहाल आवी क भावविभोर छी आ हमरा बचपन के किछ संस्मरण सेहो याद आवैत अछि । एतय हम अपन नाना-नानी, मामा-मामी व परिवार के अन्य सदस्य स भेट करे लेल आयल छी। श्री सिंह कहलैनी कि अहि धरती के खासियत अछि कि एतय के लोग सच्चाई आ अच्छाई के कद्र केनाई जानैत छैथ । एतय इमानदार पदाधिकारियों के इज्जत भेटैत अछि जे अन्य जगह पर नहीं देखाइत अछि। श्री सिंह सीमा पर अवस्थित बीओपी के कार्यो के चर्चा करैत कहला कि दुनु देश के बीच मधुर संबंध बनवाई के प्रयास एसएसबी जवान द्वारा कायल जा रहल अछि मुदा एकरा और सशक्त बनावई के जरूरत अछि। अहि दिशा में प्रयास जारी अछि। श्री सिंह एक सवाल के जवाब में कहला कि आतंकवादी गतिविधि में शामिल कोनो भी व्यक्ति के कतौ गिरफ्तारी भ सकैत अछि लेकिन गिरफ्तारी स पूर्व या फेर गिरफ्तारी के बाद ओतय के स्थानीय पुलिस स्टेशन के एकर सूचना देनाइ अनिवार्य अछि। श्री सिंह आई जाही पद पर छैथ ओतय गिनल-चुनल लोग पहुंच पावैत छैथ लेकिन हिनका में खासियत इ छैन जे इ एतेक उच्च पद पर रहैत अपन भाषा संस्कृति आ संस्कार के बरकरार रखने छियाथ। हिनक स्वागत पाग-दोपटा व पुष्प गुच्छ दय क केल गेल। समस्त शंभुआड़ गांव में हुनक आगमन के ल क उत्सवी माहौल छल।

आई स नव पारी के शुरुवात करता मास्टर ब्लास्टर सचिन


 'क्रिकेट के भगवान' मास्टर-ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर आई राज्यसभा के सदस्य के रूप में शपथ लेलैनी। शपथ ग्रहण करई स पहिले सचिन तेंदुलकर अपन पत्नी के संग संसदीय कार्यमंत्री राजीव शुक्ला के घर गेलैनी आ ओतय स हुनका संग सीधा उपराष्ट्रपति आ राज्यसभा के अध्यक्ष हामिद अंसारी लग पहुंचला। अंसारी के कक्ष में ओ राज्यसभा के सदस्य के शपथ लेलैनी। राज्यसभा में हुनका 103 नंबर के सीट आवंटित कायल गेल अछि।
-राज्यसभा के सदस्यता ग्रहण करई  के बाद तेंदुलकर अपन ब्लॉग पर अपन पहिल प्रतिक्रिया देलैनी। ओ सबस पहिले कहलैनी की सांसद बनई के लेल ककरो स कोनो सहायता नहीं मंग्लैनी आ नहीं कोनो सिफारिश करेलैनी।
ओ कहला, हम एतय अपन क्रिकेट करियर के बदौलत पहुचलऊ हे आ हम क्रिकेट जारी राखब । हम खेल स जुड़ल हर जरूरी पहलू पर बतौर सांसद अपन भूमिका स न्याय करब। संसद में खेल स संबंधित मुद्दा उठायब ताकि खेल के विकास भ सके। सचिन कहला की, हमरा खुशी  होयत यदि हम भविष्य में एक ऐहेन इंसान के रूप में जानल जायब, जे खेल के विकास के लेल किछ केलक।
टेस्ट आ वनडे क्रिकेट में सर्वाधिक रन के अलावा क्रिकेट के अनेक आसमानी कीर्तिमान रचई वाला तेंदुलकर एहेन पहिल खिलाड़ी छैथ, जे राज्यसभा सांसद बनला हे। हुनका स पूरा देश आ खेल जगत के बहुत उम्मीद छैन कि ओ महज औपचारिक सासंद नही रहता अपन अहि पद के खेल आ युवा के विकास में भरपूर इस्तेमाल करता।
तेंदुलकर के भविष्य में भारत-रत्न स सेहो नवाजल जा सकैत छैन।
लोकपाल के मुद्दा उठेता तेंदुलकर: अन्ना
तेंदुलकर के सांसद बनई पर शुभकामना दैत अन्ना हजारे कहला कि तेंदुलकर के आब संसद में लोकपाल के लड़ाई लड़ना चाहि। अन्ना कहला की, तेंदुलकर आब संसद में लोकपाल के मुद्दा उठेता। हमरा उम्मीद अछि कि ओ ऐना करता।
हजारे कहला कि सचिन एहेन लोग के राजनीति में ऐबाक चाहि।