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Saturday, October 27, 2012

बिहार में सरकारी शिक्षा भगवान भड़ोसे

जे बिहार हमेशा स ज्ञान के धरती रहल अछि शिक्षा जकर हमेशा स पहचान रहल अछि. जे धरती मंडन मिश्र , भामती सन विद्वान् के जन्म देलक जतय आदि काल स शिक्षा ग्रहण करैक लेल दुनियाक कोना कोना स लोग नालंदा विश्वविद्यालय आवैत छला. जे बिहारक अइयो समूचा पहचान शिक्षा लय क अछि. भारत में जतय मैरिट के गप्प होईत अछि ओतय बिहारी छात्र टॉप पर रहैत छाईथ. ओ चाहे संध लोकसेवा क परीक्षा हुआ या फेर बेंकिंग आ अन्य कोनो प्रतियोगिता परीक्षा बिहार क छात्रक संख्या सबस बेसी होईत अछि.
मुदा बिहारक एकटा कटु सच्च आओर अछि बिहार में साक्षरताक स्तर सबस कम अछि आ खास कय क महिला शिक्षा में त बिहार सबस निचा पायदान पर अछि. बिहार में महिलाक साक्षरता दर मात्र ४७% अछि ओतय पुरुष साक्षरता दर ६३.८% अछि जे भारत में सबस कम अछि. वर्तमान बिहार सरकार शिक्षा में सुधारक लेल किएक टा प्रयास केलक अपन पहिल शाशन काल में नितीश कुमार बिहार में रिक्त भेल शिक्षक पद पर लाखो के संख्या में शिक्षक नियुक्त केला. आ नियुक्ति के प्रक्रिया अखनो चली रहल अछि. मुदा जाही तरह स नियुक्ति भेल ओ बिलकुल गलत छल. पहिल चरण में जे नियुक्ति भेल ओकर भार गामक मुखिया के देल गेल आ शिक्षा मित्र के नाम पर स्कूल में एहेन लोग सब के बहाली भेल जकरा अपन नाम ढंग स लिखल नहीं होईत अछि. स्कूल सब में एहेन शिक्षक के कमी नहीं जिनका ढंग स जोड़ नहीं आबैत छैन. आ अहि शिक्षक के हाथ में बच्चाक भविष्य सौप देल गेल.
प्राथमिक शिक्षा उच्च शिक्षाक जड़ी होईत अछि मुदा बिहार में प्राथमिके नहीं माध्यमिक आ उच्च माध्यमिक शिक्षा के जे हाल सरकार के गलत नीति बनेलक अछि एकर परिणाम आई नहीं आवै वाला किछ साल बाद देखाई देत. ओना वर्तमान में सेहो आहा देख सकैत छि आहां अपन गाँव के कोनो सरकारी स्कूल में जा क देखियो क्लास ५ के बच्चा के किताब पढें नहीं आबैत छैन. जोड़ घटाऊ त दूर २ स २० तक के पहाड़ा  नहीं आबैत छैन. बच्चा क्लास स बेसी क्लास स बाहर आ मास्टर गप्प लड़बैत या कुर्सी पर सुतल भेटता.
बिहार में प्राथमिक शिक्षा भगवाने भड़ोसे अछि. बिहारक सरकारी स्कूल में शिक्षा क स्तर पहिले स बेसी खराब भ गेला. आब स्कूल में पढ़ाई स बेसी राजनीति हुअ लागल ले. पहिले स्कूल में खाली मास्टर आ विद्यार्थी जाईत छला आ स्कूल में अध्यन या अध्यापन होईत छल मुदा आब स्कूल अहि सब स बहुत दूर भ गेल अछि आब स्कूल में अध्यन आ अध्यापन स बेसी चावल दाली के हिसाब बाड़ी स्कूल के मास्टर आ गामक मुखिया आ स्कूल के सचिव(बिहारक स्कूल में एकटा नव पोस्ट अछि जकर चुनाव मुखिया करैत अछि) करैत रहैत छाईथ. आ छात्र सेहो खिचड़ी के इन्ताजार में बर्तन बजावैत रहैत छैथ.
“ अहि बेर शिक्षक दिवस पर एकटा चैनल बिहारक एक टा स्कूल में गेल ओही स्कूल में टोटल १० टा शिक्षक छल आहंक ई सुनी आश्चर्य लागत स्कूल के १० टा में स एको टा शिक्षक के ई नहीं पता जे शिक्षक दिवस किनक जन्मदिन पर मनाओल जाईत अछि. ओही दसो में स एको टा के ई नहीं बुझल छलेनी जे सर्वपल्ली राधाकृषणण के छला. किनको ई तक नहीं पता जे भारत के राष्ट्रगान की अछि.” एहेन शिक्षक के हाथ में ज छात्रक भविष्य हुअ त बुझी सकैत छि जे भविष्य कतेक उज्जवल होयत.
शिक्षा के नाम पर हजारो कड़ोडो रूपया खर्च भ रहल अछि. अहिक बाबजूद बिहार में प्राथमिक शिक्षाक स्थति दयनीय अछि आ अहि दिश ककरो ध्यान नहीं जा रहल सरकारक गलत नीति स बच्चा क भविष्य खतरा में अछि. अगर समय रहैत अहि पर ध्यान नहीं देल गेल त बाद में फेर वेह स्थिति रहत अब पछताए होत का जब चिड़िया चुक गई खेत.

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