उत्तर बिहार के बाढ़ स स्थायी रूप स निजात दियेवाक लेल प्रस्तावित सप्तकोसी हाई डैम बहुउद्देशीय परियोजना के सर्वे कार्य करै के कवायत शुरू भ गेल अछि। अहि के लेल केन्द्र सरकार पर दबाव बनायल जा रहल अछि। दिल्ली में आई भारत-नेपाल संयुक्त मिनीस्टीरियल कमीशन के बैठक में बिहार के हित के मजबूती स राखल जाई। दीर्घकालीन योजना के तहत हाई डैम के निर्माण बाढ़ स मुक्ति के एकमात्र उपाय मानल जा रहल अछि।
हाई डैम निर्माण के ल क केन्द्र सरकार सर्वे कार्य के लेल अगस्त 2004 में नेपाल के विराटनगर में संयुक्त परियोजना कार्यालय स्थापित केने छल। भारत-नेपाल के संयुक्त विशेषज्ञ दल के मार्च 2001 में भेल बैठक में मोबिलाइजेशन के लेल 3 महिना, अन्वेषण के लेल 16 महिना आ विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार करैक लेल 9 महिना अर्थात 30 महिना के अवधि निर्धारित कायल गेल छल मुदा सात वर्ष के बादो कार्य नगण्य अछि। संयुक्त परियोजना कार्यालय के फरवरी 2013 तक के लेल अवधि विस्तार भेला। अगर स्थिति यह रहल त अहू अवधि में भी कार्य पूर्ण होई के आसार नहीं अछि। जल संसाधन विभाग के अनुसार भारत-नेपाल संयुक्त मिनीस्टीरियल कमीशन के बैठक में दुनु देश के प्रतिनिधिय के बीच अहि दिशा में खुलि क बात भेला पर अहि सर्वे कार्य के अड़चन के दूर क एकरा गति भेट सकैत अछि।
सप्तकोसी हाई डैम परियोजना: बाढ़ स मुक्ति ,पनबिजली उत्पादन सहित बहुउद्देशीय परियोजना के तहत नेपाल में हाई डैम के निर्माण केनाई। अहि के लेल बागमती नदी पर नूनथर आ कमला नदी पर चीसापानी स्थल के पहचान कायल गेल छल। कमला बहुउद्देशीय योजना के संभाव्यता अध्ययन आ बागमती बहउद्देशीय योजना संबंधी प्रारम्भिक अध्ययन के जिम्मेवारी संयुक्त परियोजना कार्यालय के सौंपल गेल छल। बिहार के लेल ई सबस महत्पूर्ण योजना अछि। सर्वे कार्य बाधित होई के सबस पैघ कारण नेपाल में राजनीतिक अस्थिरता के मानल जैत अछि।
1 comment:
कोशी हाइ डैम क झुंझुनास भर्मित नहि होइ
मिथिलक बर्धिक निरकरन बंध मे नहि छैक
वल्कि बंधमुक्त मिथिला बनबी त
मिथिला स दरिद्रता हति जैतै
वज्पयी कोशि मह्सेतु क बाद मिथिलाक एकीकरन होयत
आ मिथिला रज्य बनत त ओ बर्धि नियंत्रंक दिस लोक के लगओत
बिहर सर्कार्क झुंझुना स ई होम बला नहि
100 वर्श मे त नहि भेल हुंका स
डा. धनाकर ठाकुर
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