समस्त मिथिला में महासेतु के उद्घाटन के बाद ख़ुशी के लहर
आठ दशक स दू भाग में विभक्त मिथिला बुधदिन फेर स कोसी महासेतु के उद्घाटन के संग एक भ गेल। वर्ष 1934 स अलग बंटल मिथिला आई अपन स्वरूप में आवी गेल। अहि महासेतु के निर्माण स मिथिला के सामाजिक आर्थिक हालत त बदलव करत संगही दूरि कम भेला स आब नव रिश्ता सेहो आब जुड़त। भपटियाही आ एकर आसपास के क्षेत्र के नाम सुनिते लोग के डर समां जैत छल ओतय आई पूरा क्षेत्र ख़ुशी में डूबल छल । जाही समय केन्द्रीय मंत्री डा. सी.पी. जोशी आ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार महासेतु के उद्घाटन फीता काटी रहल छला। दुनु क्षेत्र मधुबनी आ सुपौल जिला के हजारों नर-नारी ख़ुशी स झूम रहल छला। कोसी के प्रचंड धारा, ओकर त्रासदी दियरा इलाका जतय कहियो लोग सोचनेहो नहीं छल जे एहेन दिन आयत। आई इ देख भावविह्वल त छलाहे संगही कौतूहल सेहो कम नहीं छल। सहरसा, सुपौल, मधेपुरा, पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज जाई में लोगों दू दू दिन लागी जैत छल स ओतय आब चंद घंटों में पहुंचल जा सकैत अछि। कोसी के विभीषिका स दू भागों में विभक्त मिथिला जकर संस्कृति, इतिहास, भाषा रहना सहन आ आचार विचार एक रहैत एक-दोसर स अलग अलग छल। आई सब जुड़ गेल। आई अहि सेतु के जनता के सिपुर्द कय देल गेल। अहि महासेतु के मिथिला के लाइफ लाइन सेहो कहल जा रहल अछि। आई समस्त मिथिला में अहि महासेतु के उद्घाटन के बाद ख़ुशी के लहर दौर गेल अछि।
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