 बीतल  बुधदिन जहैनी सुपौल सनपतहा गांव लग कोसी महासेतु के उद्घाटन  कार्यक्रम चलि रहल छल, त ओतय स कनिए दूर पर चंचला कोसी शांत, अविरल बही रहल  छलैथ। बीच-बीच में बासंतीक हवा के झोका स शांत कोसी में एहेन लहर बनी रहल  छला, जेना ओ मुस्कुरा रहल हुईथ। महासेतु बनावई के लेल कोसी के एतय विशेषज्ञ  आ इंजीनियर सब गाइड बांध के सहारा स नियंत्रित क दू किलोमीटर  स सेहो कम चौड़ा में कोशी के बहई के लेल मजबूर क देलखिन। कोसी के पुराण  त्रासद  इतिहास के देखैत एक टा सवाल मोन में उठैत छै की भविष्य में कोसी अहि  शिष्टाचार के पालन करती वा नहीं। मुदा अहि के जवाब में सेतु निर्माण में  जुटल  इंजीनियर के दावा छैनी कि पुल आ गाइड बनावई में जे तकनीक के उपयोग भेल अछि,  ओही स कोसी एतय स बहैक नहीं सकैत छैथ।
बीतल  बुधदिन जहैनी सुपौल सनपतहा गांव लग कोसी महासेतु के उद्घाटन  कार्यक्रम चलि रहल छल, त ओतय स कनिए दूर पर चंचला कोसी शांत, अविरल बही रहल  छलैथ। बीच-बीच में बासंतीक हवा के झोका स शांत कोसी में एहेन लहर बनी रहल  छला, जेना ओ मुस्कुरा रहल हुईथ। महासेतु बनावई के लेल कोसी के एतय विशेषज्ञ  आ इंजीनियर सब गाइड बांध के सहारा स नियंत्रित क दू किलोमीटर  स सेहो कम चौड़ा में कोशी के बहई के लेल मजबूर क देलखिन। कोसी के पुराण  त्रासद  इतिहास के देखैत एक टा सवाल मोन में उठैत छै की भविष्य में कोसी अहि  शिष्टाचार के पालन करती वा नहीं। मुदा अहि के जवाब में सेतु निर्माण में  जुटल  इंजीनियर के दावा छैनी कि पुल आ गाइड बनावई में जे तकनीक के उपयोग भेल अछि,  ओही स कोसी एतय स बहैक नहीं सकैत छैथ।  निर्मली स सुपौल जाई के क्रम में फोर लेन सड़क पर गाड़ि हवा स बात करैत नजर आबैत अछि। जाही दिन कोशी पुल के उद्घाटन छल ताहि हमर गाँव स एक टा लड़का के विवाह सुपौल के कर्णपुर गाँव में छलैन जे सुपौल जाई लेल पाहिले मधुबनी स १० स १२ घंटा के सफ़र छल से सफ़र महज २ घंटा में तय कायल गेल ओतय स लौटैत वसंत मिश्र कहैत छैथ-'यकीन नय होय इएअ..हम सब कोसी के पेट के ऊपर सॅ गुजर रहैल छी। ओ कहैत छैथ की इ सुपौल के वेह दुर्गम इलाका छी, जतय लोग आवैत घबराइत छला। आब त ओ त्रासद इतिहास अखनी के समृद्धशाली वर्तमान बन चुकल अछि। बगल में रेल पुल निर्माण के कार्य चल रहल अछि जे अपन अंतिम चरण में अछि।
 पुल के निचा चांदी सन चमकैत बालू के ढेर के की निचा जलजमाव आ ओहिपर  साफ-सुथरा पानी में कलरव करैत प्रवासी पक्षी नजर आवैत अछि। पता चलल की गाइड  बांध वनालक बाद ई दुर्गम इलाका विकसित भेला। अगर अहि इलाका के विकसित कायल  जाय त ई पर्यटक के आकर्षण के केंद्र रहत। पुल पार करैत सनपतहा  गांव के आगा पुरान रेलवे लाइन के किछ हिस्सा देखाई पड़ैत अछि। ई वेह रेलवे  लाइन अछि जतय सौ साल पहिले ट्रेनें चलैत छल। बतादी जे, 1934 में  अहि क्षेत्र में बड़ पैघ भूकंप आयल छल। जाही में रेलवे लाइन ध्वस्त भ गेल आ  रेल परिचालन बाधित भ गेल। आ ई भूकंप मिथिला के दू भाग में बांटी देलक। 
 
 
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