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Sunday, February 5, 2012

मैथिली साहित्य अकादमी पुरस्कार से संशय हटल

मैथिली में वर्ष 2011 के लेल साहित्य अकादमी पुरस्कार के चयन आखिरकार भ गेल। हालांकि आधिकारिक तौर पर एकर घोषणा नहीं केल गेला। मुदा साहित्य अकादमी नई दिल्ली में मैथिली भाषा के संयोजक विद्यानाथ झा विदित के रविदिन एक संवाददाता स भेल बातचीत में श्री विदित कहला कि वर्ष 2011 के लेल मैथिली में मूल आ अनुवाद पुरस्कार अन्य भाषा के संगही देल जायत। अहि संबंध में ज्यूरी मेम्बर के बैठक भ चुकल अछि आ पुरस्कार के लेल कृति के चयन क लेल गेल। मुदा अकादमी के अध्यक्ष के बाहर भेला के कारण 13 फरवरी तक एकर आधिकारिक घोषणा तकनीकी कारण स नहीं केल जायत। बता दी कि ज्यूरी मेम्बर की बैठक नहीं भेला क वजह स वर्ष 2011 के लेल मैथिली में पुरस्कार के घोषणा पर अखनी तक संदेह में छल।

अकादमी सूत्र स भेटल जानकारी के मुताबिक उदय चन्द्र झा विनोद के काव्य संग्रह 'अपक्ष' के मूल पुरस्कार के लेल चुनल गेल अछि। कवि उदय चन्द्र झा विनोद मूल रूप स मधुबनी जिला के बिस्फी प्रखंड अन्तर्गत दुलहा गांव के निवासी छियाथ हुनक जन्म 5 अप्रैल 1945 क भेल छैन। वर्ष 2003 में एजी बिहार पटना कार्यालय में सीनियर आडिटर पद स सेवानिवृत्त श्री विनोद वर्ष 2008-09 में लनामिवि के वित्त पदाधिकारी सेहो रही चुकल छैथ। वर्ष 1967 में पहिल कविता के रचना करनिहार श्री विनोद जी के मैथिली में अखनी तक करीब दर्जन भर पुस्तक के प्रकाशित भ चुकल छैन। वर्ष 1971 में हिनक पहिल कविता संग्रह 'संक्रांति' प्रकाशित भेल छलैन। फिर 1972 में 'धूरी', 1978 में 'मौसम अयला पर (इसे मैथिली अकादमी का प्रोत्साहन पुरस्कार मिला था)', 1982 में 'एहना स्थिति में', 1985 में 'भरि देह गौरा', 1989 में 'एहि जनपद में', 1991 में 'दोहा 302', 1996 में 'कहलनि पत्नी', 1999 में 'शहर जमीन', 2001 में 'अपक्ष' काव्य संग्रह प्रकाशित भेलैनी। ओतय 1984 में हिनक मैथिली कहानी संग्रह 'जांत' व 1992 में नाटक 'उदास गाछक बसंत' सेहो प्रकाशित भ चुकल छैन।

काव्य संग्रह 'अपक्ष' में कुल 45 कविता अछि जाही में कवि आधुनिक जीवन शैली के राग-अनुराग, राजनीतिक कुव्यवस्था, ग्रामीण परिवेश आदि के काव्य जगत के कैनवास पर बखूबी उतारने छिया। अहि काव्य संग्रह के दीर्घ काव्य 'मृत्यु नहि जीवन' काफी चर्चा में रहल अछि। भ्रूण हत्या पर हिनक लिखल कविता 'अंतिम पत्र' सेहो काफी चर्चित रहल अछि।

साभार :- दैनिक जागरण

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