बिहार आ नेपाल के बीच सामाजिक, सांस्कृतिक आ आर्थिक संबंध के आई एक नव मुकाम भेटल. शुक्रदिन ग्लोबल सम्मिट ऑन चेंजिंग बिहार, 2012 के उद्घाटन के मौका पर बिहार आ नेपाल एक-दोसर स नही केवल विकास में सहयोग मांगलक , बल्कि एकरा भरोसा सेहो देलक.
श्री कृष्ण मेमोरियल हाल में उद्घाटन समारोह के साथ तीन दिवसीय ग्लोबल सम्मिट के शुरुआत भेल. 17 सदस्यीय नेपाली प्रतिनिधिमंडल के संग पहुंचला प्रधानमंत्री बाबूराम भट्टराई साफ़ तौर पर कहला कि हम नेपाल आ भारत, खास तौर पर सीमावर्ती राज्य के बीच मजबूत आर्थिक सहयोग के हिमायती छि.
नेपाल में पनबिजली के अपार संभावना के इस्तेमाल स साझा लाभ के लेल जा सकैत अछि. धार्मिक महत्व के पशुपतिनाथ, लुंबिनी आ जनकपुर दुनु देशों की जनता के लेल आकर्षण के केंद्र बन सकैत अछि.
तहनी पूर्व राष्ट्रपति डॉ कलाम कहने छला कि बिहार के पास खोने के लेल समय नहीं अछि. छह वर्षो में नीतीश कुमार समय नहीं गंवेला. आ आई ग्लोबल सम्मिट में बदलैत बिहार पर चर्चा भ रहल अछि. पांच साल बाद विकसित बिहार के सपना पूरा भ जायत. ओ कहला कि छह वर्षो में बिहार के औसत विकास दर 11 फ़ीसदी स अधिक रहल अछि.
67 लाख मीटरिक टन धान के उत्पादन क बिहार रिकॉर्ड बनेलक अछि. ओ कहला कि बिहार बदल रहल अछि आ जल्दीये विकसित बनत. आगत अतिथि के स्वागत उद्योग विभाग के प्रधान सचिव सीके मिश्र केलैनी.
अहि मौके पर नेपाल के श्रम मंत्री सविता गिरि, मॉरीशस के कला संस्कृति मंत्री मुक्तेश्वर चुन्नी, योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलुवालिया आदि मौजूद छला. विषय प्रवेश इंस्टीट्यूट ऑफ़ ह्यूमन डेवलपमेंट के निदेशक डॉ अलख नारायण शर्मा केलैनी.ग्लोबल सम्मिट में आयल मेहमान के मनोरंजन के लेल देर शाम श्रीकृष्ण मेमोरियल हाल में लोक संस्कृति पर आधारित नृत्य-संगीत के इंतजाम खूब सराहनीय रहल। जहैनी कलाकार मंच पर नृत्य-संगीत के प्रस्तुति प्रारंभ केलैनी, त विशेष क परदेस स आयल अतिथि के चेहरा खुशी स चमकी उठलैनी। प्रवासी मेहमान एकबेर फेर स अपन सांस्कृतिक माटी के खुशबू में डुबि क एकर आनंद उठेला।
फोटो:- अतुल कुमार
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