अपन बिहार में इ समस्या अति गंभीर अछि जिला स ब्लाक आ ब्लाक स पंचायत तक जे खेल चलैत अछि ओ बड़ गंभीर अछि। भले राज्य सरकार भ्रष्टाचार स मुक्ति के कतबो दावा करैत हुआ इ सब मात्र एक टा दिखावा अछि जमीनी हकीकत किछ और बयां करैत अछि। ओ चाहे मनरेगा हुआ या इंदिरा आवास या फेर अन्य कोनो योजना अहि सब में जाही रूपे बन्दर बाँट होइत अछी ओ सोचनिये अछि। अहि गंभीर समस्या के प्रति सरकार बिल्कुल उदासीन अछि।
Saturday, January 21, 2012
मनरेगा आ इंदिरा आवास के पाई के भ रहल अछि बन्दर बाँट
गरीब भेनाई कोनो ईश्वरीय वरदान नहीं अछि, आ नही इ कोनो स्वयं आरोपित पीड़ा अछि। अहि अटूट चक्र के तोड़ल जा सकैत अछि, बशर्ते सरकार के कल्याणकारी योजना के पहुंच हिनका पास हेबाक चाही। गरीबी भारत में एक टा बड़ पैघ अभिशाव अछि गरीबी केबल भारत के गांवों नहीं बसैत अछि, शहर की चकाचौंध में सेहो गरीबी दिखाई पडैत अछि। इ बात अलग अछि कि शहरी गरीब अपन प्रयत्न पर निर्भर करैत अछि। रिक्शा चला मजदूरी क सब कोनो तरह गुजर-बसर क लेत छैथ। मुदा ग्रामीण गरीबी के के दृश्य बहुत अलग अछि। गरीबी निवारण के लेल सरकार के कतेक योजना चली रहल अछि मुदा अहि सब योजना में भ्रष्टाचार पर्याप्त रूपे अपन पैठ बना चुकल अछी। चाही कारण योजना के पर्याप्त लाभ स लाभुक बंचित रही जैत छैथ।
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