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Wednesday, January 18, 2012

सौराठ में मधुबनी पेंटिंग प्रशिक्षण संस्थान खोलल जायत :नितीश कुमार

सेवा यात्रा के तेसर दिन अपराह्न मुख्यमंत्री नीतीश कुमार परिसदन स चली क जितवारपुर पद्मश्री स्व. सीता देवी, जगदंबा देवी, चानो देवी सहित दलित टोल आ भास्कर कुलकर्णी हस्तकला आश्रम पहुंचला त ओतय उपस्थित कलाकार के ख़ुशी के ठिकाना नहीं छल। हुनका देखाबई लेल सैकड़ों महिला कलाकार अपन हाथ स निर्मित विभिन्न स्वरूपों में मधुबनी पेंटिंग, सिक्की-मौनी, गोदना पेंटिंग, गोबर पेंटिंग, पेपर मेसी आदि ल क आश्रम आ घर में इंतजार क रहल छलैथ। मुख्यमंत्री जितवारपुर स जहैनी रांटी स्थित पद्मश्री महासुंदरी देवी के आंगन पहुंचला त ओतय के नजारा देख किछ क्षण तक ओ भाव विभोर भ गेला। मुख्यमंत्री के आंगन में बनल मरवा पर आदर के संग बैसाओल गेल जतय हुनका बगल में महान विभूति महासुन्दरी देवी बैसल छलखिन। मुख्यमंत्री मिथिला के 87 वर्षीया अहि महान कलाकार स कई संस्मरण सुनला आ अहि मुकाम तक पहुंचइ के लेल हुनक प्रयास के जानकारी प्राप्त केलैनी। महासुन्दरी देवी के पूरा परिवार मुख्यमंत्री के स्वागत में जुटल छलखिन। महासुन्दरी देवी के घर ओ मिथिलांचल के एक और पैघ तोहफा " सौराठ में मधुबनी पेंटिंग प्रशिक्षण संस्थान खोलल जायत " से देलखिन। इ सुनी ओतय मौजूद सैकड़ों मैथिल महिला भावविभोर भ खुशी स 'धन-धन जागल भाग हे पाहुन छथि आयल' गीत गेली।

सौराठ में अहि संस्थान के खुजला स निसंदेह मिथिलांचल में विकास के नव मार्ग खुजत आ अहि क्षेत्र के संबंध देश के कोना-कोना आ विदेश स सीधा जूरी जायत । मुख्यमंत्री के अहि घोषणा स मधुबनी आ आसपास क्षेत्र में खुशी के लहर दौरी गेल। खास क ओहेन कलाकार जे मधुबनी पेंटिंग के अपन पेशा बनाब चाहे छैथ हुनका अंदर एकटा नव आस जागल। सौराठ के इ संस्थान मिथिलांचल के विकास के लेल मिल के पत्थर साबित होयत। शिक्षा विभाग द्वारा निर्मित अहि संस्थान स हजारों मैथिल ललना लाभान्वित हेता आ हुनका रोजगार के नए अवसर भेटतेन। मुख्यमंत्री के अहि घोषणा स स्पष्ट होयत अछि कि सचमुच हुनका मिथिला आ मैथिली स अगाध स्नेह व प्रेम छैन।

महासुंदरी देवी के घर मिथिलांचलक परम्पराक अनुसार मुख्यमंत्री के पाग-दोपटा, पेंटिंग द क भव्य स्वागत कायल गेल। मुख्यमंत्री महासुंदरी देवी के घर में बनल पेड़ा सेहो खेलेन।

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