जय हॊ वॊट कि जय हॊ नॊट कि, जय हॊ नॆता कि जय हॊ जनता कि! भलॆ पांच साल मॆ ई सब चुनाव कॆ वक्त भॆंट हुए! चुनाव कॆ बात त जीतल नॆता कॆ बातॆ छॊङु हारल नॆता सब सॆहॊ भॆंट नहि हॊता! पांच साल मॆ जॆ किछु लुटनॆ रहैत छाईथ तकर किछु भाग चुनाव कॆ वक्त नॊट कॆ वॊट मॆ परिर्वतन कॆ लॆल लगाबईत छिया!
बङ अपार महिमा अछि अहि नॊट कॆ एकरा दॆखतहि लॊग सबटा गिला सिकवा विसरि जाईत छिया! वॊट कॆ एकजुट करै मॆ जतॆक कारगर ई नॊट साबित भ सकैत अछि ऒतॆक दॊसर किछु नहि! ताहि दुआरॆ नॆता सब एकरा नहि विसरैत छिया! आ दलानॆ दलानॆ नॊट बटॆत छिया!
लै वला सब कॆ त एना फ्री मॆ चुनावॆ कॆ वक्त नोट भॆटति छियनि अनदिना त खुन पशिना कॆ वावजुद नोट कॆ दर्शन नहि हॊति छियनि! तहनि ज फ्री मॆ क्यॊ दॆतनि त लई मॆ कॊन दिक्कत! जॆ सब दई या सब स लिय वॊट त ऒतहिए गिरायब जत ऊँगली ल जायत आँखि मुनि क वटन दबा दॆबई जिनकर भाग मॆ हॆतनि तिनका पर जॆतनि ई हॊ किए मॊन कहत जॆ नमक हरामी कॆ लियई ककरॊ संग!
मिडिया आ चुनाव आयॊग त आई काईल हाथ धॊ क अहि नॊट वटनिहार सब कॆ भुत जॆना पाछा पङि गॆल अछि! कॊनॊ छाङ फुँक सब स ई हॊ सब नहि मानि रहल अछि, लगॆया जॆ एकरॊ आब नॊट वला छाङ स फुँक पङत!
अहि दॆश कॆ लुटई वला कि जय हॊ
आ वचाबई वला कि जय हॊ
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