बिहारक
मुजफ्फरपुर जिला क औराई प्रखंडक कोरियाही गांवक चार वर्ष आरती क मौत क बाद
हुनक घर में मातम पसरल छैन। हुनकर मां क आंखी स नोर रुकी नहीं रहल छैन त
हुनकर पैघ भाई अपन पिता क लग ठाड़ भ इ दिलासा द रहल छथिन कि भगवान क
येह मर्जी छलैनी। ई खिस्सा जिलाक कोनो एक प्रखंड क नहीं अछि, लगभग
सब प्रखंड क बस्ति में लोग क अज्ञात बीमारीक डर मन में बैसी गेल छईन। हुनका
सब के ई बीमारी आब 'यमराज' के जेहेन प्रतीत भ रहल छैनी आ मन में ई डर
बैसल छईन की कहू ई बीमारी हुनका घर में सेहो नही आवी जाई।
कोरियाहीये गांम में अहि अज्ञात बीमारी स पीड़ित छोटी कुमारी क पिता
रामेश्वर कहैत छैथ कि आखिर अस्पताल में जाई स की होयत। ओतयो त बच्चा सब
मरीये रहल अछि। ओ आक्रोश में कहलैथ कि आखिर गर्मी शुरू होई क पहिले सरकार
अहि रोगक इलाज किएक नहीं खोजलक जहैनी की हर साल अहि बीमारी स सैकड़ों
गरीब बच्चा क जान जा रहल छई।
इम्हर, दू वर्षक अन्नु क मां कहैत छईथ , "सरकार त लापरवाह अछिये संगही
भगवान सेहो ई बीमारी खाली गरबे क देत छथिन। आखिर एकर इलाज कतय होयत। सुनैत
छियई कि मच्छर क काट स ई बीमारी होइत अछि त फेर दवा क छिड़काव किएक नहीं
होइत अछि।"
बिहार के मुजफ्फरपुर, गया आ पटना क अस्पताल में अहि अज्ञात बीमारी स अहि
साल एखन तक 100 स बेसी बच्चाक मौत भ चुकल अछि। किछ चिकित्सक अहि बीमारी क
'एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम' कही रहल छैथ जहनी की किछ चिकित्सक अहि
बीमारी पर नव शोध हेवाक जरूरत बता रहल छाईथ।
राज्य क स्वास्थ्य मंत्री अश्विनी चौबे कहलैथ की नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ
वायरोलॉजी (एनआइवी), पुणे क चिकित्सक सबक मत अछि कि अहि बीमारीक वायरस क
पहचान के लेल सीधे मस्तिष्क स ऊतक क आवश्यकता अछि। आ इ तखने सम्भव होयत
जहैनी एकरा महामारी घोषित कायल जाय। ओ कहला कि अहि मामला में ओ केंद्र
सरकार स बात करे वाला छाईथ । दुनु सरकार क सहमति क बाद आगाक कदम उठायल
जायत। ओ इहो कहला कि अधिकांश मौत एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम बीमारी स भ
रहल अछि।
चौबे कहलैथ कि इ बीमारी कोनो नव नहीं अछि। हुनक दावा अछि कि 1995 में सेहो
अहि अज्ञात बीमारी स500 स बेसी बच्चाक मौत भ चुकल अछि। स्वास्थ्य विभाग के
आंकडा क अनुसार 2007 स एखन धरी अहि बीमारी स 570 बच्चाक मौत भ चुकल अछि।
पिछला 27 मई स एखन धरि राज्य में 100 से बेसी बच्चाक मौत भ गेला जहैनी की 97 स
बेसी बच्चा मुजफ्फरपुर, गया आर पटना क अस्पताल सब में भर्ती छैथ। सबस
ज्यादा मौत मुजफ्फरपुर जिला क अस्पताल में भ रहल अछि।
इम्हर, नई दिल्ली स मुजफ्फरपुर आयल 'नेशनल वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल
प्रोग्राम' (एनवीबीडीसीपी) क टीम श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज अस्पताल
(एसकेएमसीएच) में भर्ती भेल मरीजक हालचाल लेलैनी आ हुनक रिपोर्ट के अध्ययन
केलैनी।
मुजफ्फरपुर के सिविल सर्जन ज्ञानभूषण कहलैथ कि दल मरीज के ब्लड सुगर, लीवर
फंक्शन, रीढ़ क पानी सहित अन्य रिपोटक जांच केलैनी। सूत्र क मुताबिक टीम
अहि स्थिति के ल क सबस ज्यादा नाराज नजर आवि रहल छैथ कि आखिर समय रहैत मरीज
अस्पताल किएक नहीं पहुंच पावि रहल छैथ। दल टीकाकरण कार्यक्रम के सेहो
समीक्षा केलक।
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