नालंदा विश्वविद्यालय (एनयू) एक बेर फेर स विश्व क राह
देखायत । ई अपन हारावल ख्याति क वापस प्राप्त करत । एकर पूरा तैयारी कायल जा रहल अछि। एतय पढ़ाओल जाई वाला पाठ्यक्रम बेस प्रभावी होयत। पाठ्यक्रम निर्माण पर विशेष ध्यान देल गेल अछि। उक्त बात विश्वविद्यालयक कुलपति गोपा सभरवाल कहलैनी।
ओ कहलथि कि विश्वविद्यालय क ढांचा निर्माण में हवा क बहाव, सूर्यक रोशनी आ बहैत पानी क ख्याल राखल गेल अछि।
विश्वविद्यालयक पहिल इवेंट
एनयू कुलपति गोपा सभरवाल कहलैनी कि 19 जुलाई क बोर्ड मीटिंग के तुरंत बाद 20 जुलाई स 22 जुलाई 2012 धरी पटना में इंडियन काउंसिल ऑफ कल्चरल रिसर्चक संग कांफ्रेंस ‘सिविलाइजेशन डायलॉग एंड द एशियन’ आयोजित होयत। जाहिमे 15 देशक प्रतिनिधि भाग लेता।
केन्द्र स भेट रहल अछि मदद
ओ कहलैनी कि नालंदा विश्वविद्यालयक काम क प्राथमिकता देवक लेल विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव नालंदा के पद सृजित केलैनी हे। अहि के अतिरिक्त मोंटेक सिंह अहलूवालिया क अध्यक्षता में योजना आयोगक एक पृथक कमेटी सेहो गठित भेला।
पृष्ठभूमि बनल ताकत
ओ कहलैनी कि नालंदा के ग्रामीण पृष्ठभूमि ओकर ताकत अछि। ग्रामीण क्षेत्र क शहरी सुविधा उपलब्ध करावई क बेहतरीन मॉडल विश्वविद्यालय पेश करत। अहिक लेल 'रूलराइजेशनक' विशेषज्ञ प्रोफेसर ते क्योंग शून काम क रहल छियाथ।
बंद नहीं भेला मदद
कुलपति गोपा सभरवाल कहलैनी कि अंतरराष्ट्रीय मदद बंद नहीं भेला। बिना मांगने सब देश सबस पूर्ण मदद भेट रहल अछि। चीन स एक मिलियन डालर, थाईलैंड स एक लाख डालर, यूनेस्को के गुडविल एम्बेसडर मदनजीत सिंह स 1 मीलियन डालर क घोषणा कायल जा चुकल अछि। अहिक अलावा आस्ट्रेलिया आर सिंगापुर स मदद भेटै वाला अछि। ओ कहलैनी कि हमर प्राथमिकता प्रोजेक्ट क ठाड़ केनाई अछि।
दिल्ली शिफ्ट हुअ क खबर अफवाह
ओ स्पष्ट कहलैनी कि नालंदा विश्वविद्यालयक दिल्ली स्थानांतरित हुअ क खबर अफवाह मात्र अछि। ओ कहलैनी कि विश्वविद्यालयक मौलिकता स कोनो छेड़-छाड़ नहीं होयत। विश्वविद्यालय हर हाल में राजगीर में बनत।
विश्वविद्यालयक पहिल इवेंट
एनयू कुलपति गोपा सभरवाल कहलैनी कि 19 जुलाई क बोर्ड मीटिंग के तुरंत बाद 20 जुलाई स 22 जुलाई 2012 धरी पटना में इंडियन काउंसिल ऑफ कल्चरल रिसर्चक संग कांफ्रेंस ‘सिविलाइजेशन डायलॉग एंड द एशियन’ आयोजित होयत। जाहिमे 15 देशक प्रतिनिधि भाग लेता।
केन्द्र स भेट रहल अछि मदद
ओ कहलैनी कि नालंदा विश्वविद्यालयक काम क प्राथमिकता देवक लेल विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव नालंदा के पद सृजित केलैनी हे। अहि के अतिरिक्त मोंटेक सिंह अहलूवालिया क अध्यक्षता में योजना आयोगक एक पृथक कमेटी सेहो गठित भेला।
पृष्ठभूमि बनल ताकत
ओ कहलैनी कि नालंदा के ग्रामीण पृष्ठभूमि ओकर ताकत अछि। ग्रामीण क्षेत्र क शहरी सुविधा उपलब्ध करावई क बेहतरीन मॉडल विश्वविद्यालय पेश करत। अहिक लेल 'रूलराइजेशनक' विशेषज्ञ प्रोफेसर ते क्योंग शून काम क रहल छियाथ।
बंद नहीं भेला मदद
कुलपति गोपा सभरवाल कहलैनी कि अंतरराष्ट्रीय मदद बंद नहीं भेला। बिना मांगने सब देश सबस पूर्ण मदद भेट रहल अछि। चीन स एक मिलियन डालर, थाईलैंड स एक लाख डालर, यूनेस्को के गुडविल एम्बेसडर मदनजीत सिंह स 1 मीलियन डालर क घोषणा कायल जा चुकल अछि। अहिक अलावा आस्ट्रेलिया आर सिंगापुर स मदद भेटै वाला अछि। ओ कहलैनी कि हमर प्राथमिकता प्रोजेक्ट क ठाड़ केनाई अछि।
दिल्ली शिफ्ट हुअ क खबर अफवाह
ओ स्पष्ट कहलैनी कि नालंदा विश्वविद्यालयक दिल्ली स्थानांतरित हुअ क खबर अफवाह मात्र अछि। ओ कहलैनी कि विश्वविद्यालयक मौलिकता स कोनो छेड़-छाड़ नहीं होयत। विश्वविद्यालय हर हाल में राजगीर में बनत।
2 comments:
ee mithilk smachar nahi achhi
mithila bihar me achhi tai Bihar ke khabar Mithilak khabar
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