संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) द्वारा जारी केल गेल मानव विकास रिपोर्ट के मुताबिक़ दुनिया के सबस पैघ लोकतंत्र, भारत में, दुनिया के सबस ज़्यादा बहुआयामी ग़रीब रहित अछी.
भारत में 61 करोड़ लोग ग़रीब अछी, जे कि देश की आधी आबादी स बेसी अछी .
रिपोर्ट में गरीब के मूल्यांकनक लेल आय के अलावा स्वास्थ्य, शिक्षा आ जीवन स्तर के तरजीह देल गेल.
रिपोर्ट के मुताबिक बहुआयामी ग़रीबों की संख्या निकालने वाला इ सूचकांक एक समुचित-सटीक तस्वीर पेश करैत अछी जे कि खली आय के मानक मानी का संभव नहीं अछी .
अहि सूचकांक के मुताबिक़ दुनिया के दस सबस ग़रीब देश त सहारा अफ़्रीका में अछी , लेकिन अगर कोनो एक देश के कुल संख्या के बात कायल जाए त दुनिया क सबस ज़्यादा ग़रीब दक्षिण एशियाई देश (भारत, पाकिस्तान आ बांग्लादेश) में रहैत अछी .
सरकार देश में ग़रीबक संख्या आँके के लेल कतेक तरीका अपनेलग आ सरकार मानैत अछी कि देश में सिर्फ एक-तिहाई जनता ग़रीबी रेखा के निचा रहैत अछी .
वर्ष 2011 में अखन तक के सबसे ज़्यादा 187 देश के श्रेणीबद्ध कल गेल जाही में भारत 134वें पायदान पर अछी.
चीन, 101वें पायदान पर आ पाकिस्तान 145वें पायदान पर अछी.
नार्वे, ऑस्ट्रेलिया और नीदरलैंड सूची में सबस ऊपर , अमरीका चौथे जापान 12वें नंबर पर अछि.
1980 स 2011 के समयावधि में दक्षिण एशिया के कतेक देश के तरह भारत के मानव विकास के सेहो बदहाल अछी .
यूएनडीपी में भारत की निदेशक केटलिन वीसेन के मुताबिक, “हमरा भारत में औद्योगिक विकास के कार्यक्रमों पर व्यापक अध्ययन क इ सुनिश्चित कर परत कि अहि के सतत विकास होयत रहे आ वो विकास ग़रीब लोगों के लेल सेहो हुआ.”
Sabhar: BBC Hindi
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