Sunday, November 27, 2011
लोक छटाक रंग मे रंगल सहरसा
मजबुत अछि मिथिलाक इतिहास :-ताराकान्त झा

मिथिलाक इतिहास काफी मजबूत अछि आ दुनीयाक कोनो ताकत एकरा भारतीय साहित्य के इतिहास स अलग नही क सकैत अछि उक्त बात दरभंगा मे शनिदिन डा. नागेन्द्र झा स्टेडियम मे पर्यटन विभाग आ स्थानीय प्रशासन के तरफ स आयोजित दु दिवसीय मिथिला लोक उत्सव मे बतौर मुख्य अतिथि विधान पार्षद अध्यक्ष प. ताराकान्त झा कहलैन। ओ इहो कहलैन जे मिथिलाक संस्क्रति एक अपन एकटा अलग पहचान अछि आ एतय के लोक एकरा पहचानैत एकर रक्षा करु।
Saturday, November 26, 2011
मैथली भाषा अनुवाद पर पांच दिवसीय कार्यशाला आयोजित
Friday, November 25, 2011
झंझारपुर के सांसद के सदस्यता रद्द
मधुबनी मे हिजबुल मुजाहिदीन के दु आतंकवादी गिरफ्तार
Thursday, November 24, 2011
26 आ 27 दरभंगा मे रहत मिथिला उत्सव के धुम
दरभंगा मे शुरु भेल नगर बस सेवा

30 सालक लंबा इंतजारक बाद दरभंगा के लोग एकवेर फेर नगर बस सेवा के लाभ उठेता।सुबे के परिवहन मंत्री व्रषण पटेल आई दरभंगा मे हरि झंडा देखा क नगर बस सेवा प्रारंभ केलनि। अहि मौका पर विधान पार्षद विनोद चौधरी, विधायक संजय सरावगी आदि उपस्थित छला। दरभंगा स सकरी, बहेरी, सिमरी आ दरभंगा शहर तक इ सेवा रहत। किराया आँटो के किराया स कम रहत। शुरुवात मे हाथ देखा क बस रोकि सकैत छी मुदा जल्द विभिन्न जगह स्टाँप बनत।
Monday, November 21, 2011
मिथिला राज्यक कोनो औचित्य नहीः नितीश कुमार
मिथिलांचल के विना बिहारक पहचान अधुरा
Sunday, November 20, 2011
अलग मिथिला राज्यक मांग के लेल संघर्ष तेज
Saturday, November 19, 2011
मिथिला क रामलीला मे लोक संस्क्रतिक रंग

मैथिली लोक कला मे किर्तनिया नाच के अपन एकटा अलग इतिहास अछि। ई शैली म्रत प्राय भ गेल छल मुदा मिथिलांचल के विभिन्न महापुरुष मोदलता, स्नेहलता, प्रेमलता, कनकलता,सीताराम शरण आदि श्री राम विवाह के माध्यम स अहि शैली के पुनर्जीवित रखलनि।अहि क्रम मे श्री सीताराम विवाह मंडली (मधुबनी) के स्थापना भेल जकर ख्याती पुरा भारत आ नेपाल मे अछि। बुद्ध दिन पटना के भारतीय न्रत्य कला मंदिर मे ई मंडली रामलीला के लाजवाब मंचन केलक। अहि मे मिथिला के लोक संस्क्रति के पुरा झलक देखई लेल भेटल।
Friday, November 18, 2011
मिथिला राज्य के मांग आवश्यक
पांडुलिपी चोरी के सीबीआई जाँच के मांग
Thursday, November 17, 2011
असुरक्षित अछि मधुबनी के हवाईअड्डा
चुनाव आ आपदा के समय मे अहि ठाम लगातार हवाईजहाज,सैनिक विमान आ हेलीकाँप्टर अवैत रहैत अछि। ओना आन दिन प्रसाशन एकर कोनो सुधि नही लैत अछि त अहि ठाम कोनो केयर टेकर सेहो नही नियुक्त कायल गेल अछि।
Wednesday, November 16, 2011
वीरान अछि मधुबनी के सरकारी बस अड्डा
B.S.R.T.C पिछला किछ साल स बिहार के हर क्षेत्र स नव नव वोल्वो बस चलेलक अछि मुदा मधुबनी के अखनो इंतजार छै।
Tuesday, November 15, 2011
दरभंगा मे गुंजल उस्ताद कमल साबरी के सारंगी

दरभंगा के रामबाग किला स्थित महरानी आनंद किशोरी के महल मे जमाना बाद आई सारंगी के गुंज गुंज उठल। मौका छल स्पाइश मशी के द्वारा आयोजित कार्यक्रम अहि कार्यक्रम के उद्देश्य स्कुली बच्चा मे शास्त्रीय संगीत के प्रति रुचि बढेनाइ छल। भारत के सुप्रसिद्ध सारंगी वादक उस्ताद कमल साबरी व हुनक सहयोगी के द्वारा मिथिला मे पहिल बेर प्रस्तुत कार्यक्रम के श्रोता मंत्र मुग्ध भ क आनंद उठेला।
साभार :-शशि मोहन
18 तारिख क रिलीज होयत " मुखिया जी "

सजना के आंगन मे सोलह श्रंगार के सफल प्रदर्शन के बाद निर्माण मोशन पिक्चर्श के बैनर तले बनल मैथिली फिल्म " मुखिया जी " प्रदर्शित लेल तैयार अछि। निर्माता रुपेश मिश्रा आ विकास झा के प्रभावशाली संवाद आ निर्देशन मे बनल अहि फिल्म के सेंसर वोर्ड युनिवर्सल सर्टिफिकेट आ समाजिक फिल्म के दर्जा देलक अछि।समाज मे व्याप्त कुरिति, घुसखोङी आदि के अहि फिल्म मे व्यंगात्मक रुप मे चित्रण कायल गेल अछि।
18 तारिख क फिल्म शिवम(जयनगर) आ शंकर(सकरी) मे एक संग रिलीज होयत आ तकर अगिला सप्ताह ओर ठाम प्रदर्शित होयत। 18 तारिख क जयनगर मे 11 बजे स 2 बजे फिल्म के प्रिमियम शो मे दर्शक संग विशिष्ट पाहुन रहता।
" नव पल्लव " एकदिवसीय ट्रेनिंग के आयोजन केलक

" नव पल्लव " Inspiring talent Motivation Success. प्रवासी मैथिल के Skill devlopment के लेल काज क रहल इ संस्था बीतल रवि दिन दिल्ली के तिलक नगर मे एकदिवसीय Basic Communication skill devlopment Programe के आयोजन केलक। जाहि मे नलिन झा(मैनेजमेंट शिक्षक), संतोष झा(हाँर्वड विश्वविद्यालय) छात्र सब के स्कील कोना बढायल जाय तकर टिप्स देलखिन। अहि मौका पर संजय झा(रेलवे), दिलीप पाठक(G.M सौभाग्य मिथिला), गोपाल जी गोपाल(जे एन यु), भवन ठाकुर, अमरकान्त झा, क्रष्णा कुमार आदि उपस्थित छला। संस्था के लक्ष्य दिल्ली आयल मैथिल छात्र जिनका मे योग्यता त छियैन मुदा ओ अपन योग्यता के पर्दशन करै मे कतौ ने कतौ पाछा रहि जाई छाईथ संस्था ओहेन छात्र के फ्री मे समय समय पर ट्रेनिंग दैत रहत।
Friday, November 11, 2011
कोशी महासेतु बनि क तैयार उद्घाटन अगिला महिना

77 साल पहिले आयल भुकंप जे मिथिला के दु भाग मे बांटी देने छल। कोशी नदी पर रेलमार्ग जे 1934 मे आयल भुकंप स टुट गेल छल आ जाहि कारण दुनु दिशक लोक एक दोसर स कटि गेल रहाइथ। मुदा 6 जुन 2006 क तात्कालिक प्रधानमंत्री अहि पुल के आधारशीला रखलाईथ आ 2007 मे गैनन इंडिया अहि पुल के निर्माण कार्य प्रारंभ केलक आ कुल 1.87 किमी लंबा अहि पुल के निर्माण मे 418 कङोङ के लागत लागल। गुजरात के पोरबंदर स असम के सिलचर तक एक सुत्र मे बांधई वला NH 57 फोर लेन सङक पर अवस्थित कोशी के अहि महासेतु के निर्माण स अहि क्षेत्र मे विकास के नव सबेरा सेहो आयत इ उम्मीद करी।
दिल्ली मे मनाओल गेल सामा चकेवा

दिल्ली के त्रिवेणी आँडिटोरियम काइल पुरा मिथिला रंग मे रंगल छल। मौका छल युथ आफ मिथिला आ माटी के संयुक्त आयोजन मे सामा चकेवा पर्व के। पुरा हाल महिला पुरुष स खचाखच भङल छल। महिला सब सामा गीक संग सामा पुजा केलनि आ चुरा गुङ दहि के प्रसाद सेहो बाटल गेल। अहि मौका पर दिल्ली प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष पुनम झा आजाद, म्रदला सिन्हा आ अन्य गणमान्य व्यक्ति सेहो उपस्थित छला। मैलोरंग के महिला कलाकार द्वारा सामा गीत पर अद्भुत न्रत्य प्रस्तुत कायल गेल। आ रमेश रंजन आ सोनी झा द्वारा मैथली गीत प्रस्तुत कायल गेल।पुनम झा कहलनि जे अहि प्रोग्राम के ओर भव्य रुप स मनाओल जाई।
Tuesday, November 8, 2011
तीन दिवसीय विद्यापति पर्व समारोह शुरु भेल

चेतना समिति पटना द्वारा आयोजित विद्यापति समारोह जे कहियो पटना के हार्डिंग पार्क मे विशाल पंडाल मे होईत छल आ जकर इंतजार पटनावाशी के 6 महिना पहिले स रहैत छल 3 दिन तक पुरा पटना अहि रंग मे डुबल रहैत छल ओ विद्यापति समारोह आब एकटा हाल मे सिमित रहि गेला आ एकटा औपचारिकता निर्वाह क रहल अछि अहि स जुङल मात्र किछ दर्शक के अलावा लगभग नग्णय रहैत अछि।
तथापि चेतना समिति पटना द्वारा आई विद्यापति समारोह के पहिल दिन राज्यपाल एकर उद्घाटन कलैथ त पुर्व मुख्यमंत्री श्री जगन्नाथ मिश्र मुख्य अतिथि छलैथ। कार्यक्रम के दोसर सत्र मे रंजना झा द्वारा विद्यापति गीत आ कवि गोष्ठी के आयोजित सेहो कायल गेल।
सामा चकेवा पर्व राजधानी दिल्ली मेसामा चकेवा पर्व राजधानी दिल्ली मे

भले सामा चकेवा के गुंज मिथिलांचल के अंगना मे कम गुंजैत हुए. मुदा मिथिला के संस्क्रति आ संस्कार के महत्व के समझैत माटी आ युथ आफ मिथिला आगामी 10 नम्बर क दिल्ली के त्रिवेणी आँडिटेरियम, त्रिवेणी कला संगम, 205 तानसेन मार्ग मंडी हाउस, नई दिल्ली मे सामा चकेवा पर्व के आयोजन कय रहल अछि.
कार्यक्रम प्रारुप :- सामा पुजा(5:30) सामा न्रत्य(6:30) संगीत(7:30) सामा भशान 9 बजे.
सामा चकेवा पर्व राजधानी दिल्ली मेसामा चकेवा पर्व राजधानी दिल्ली मे
कार्यक्रम प्रारुप :- सामा पुजा(5:30) सामा न्रत्य(6:30) संगीत(7:30) सामा भशान 9 बजे.
Friday, November 4, 2011
प्रेम नगर किरारी दिल्ली में एक दिवसीय मिथिला बिभूति पर्व

Thursday, November 3, 2011
मैथिली भाषा में रसायनशास्त्र के पुस्तक

शिक्षक पात्रता परीक्षा के तिथि में बदलाऊ भ सकैत अछी
प्रारंभिक शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीइटी) के तिथि में बदलाऊ भ सकैत अछी. करीब दर्जन भर जिला स परीक्षा केंद्र के सूची अखनि धरी नहीं आयल अछी . चार नवंबर क जिला शिक्षा पदाधिकारियों (डीइओ) के बैठक में टीइटी आ माध्यमिक-उच्चतर माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा (एसटीइटी) के तैयारि के समीक्षा होयत.
अखनि टीइटी की तिथि तीन-चार दिसंबर क निर्धारित अछी. अहि तिथि के किछ और आगा बढावल जा सकैत अछि. परीक्षा केंद्रों के सूची तैयार का सब जिला के बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के भेजबाक अछी . परीक्षा केंद्र के सूची के अंतिम रूप देलाक बाद अहि लिस्ट के राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद के सौपल जायत. अहि के बाद परिषद एडमिट कार्ड तैयार करत.
तकर बाद एडमिट कार्ड के वितरण होयत. एसटीइटी के तिथि पर अखन कोनो निर्णय नहीं लेल गेल अछी. हालांकि, मानव संसाधन विकास मंत्री पीके शाही स्पष्ट कर चुकल छैथ कि एसटीइटी जनवरी, 2012 में होयत. दुनु परीक्षा में 60 फीसदी अंक लावा वाला छात्र उत्तीर्ण मानल जायत.
अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति, महिला व निशक्त कोटि के अभ्यर्थियों के पांच फीसदी के छुट देल जायत. दुनु परीक्षाओं के रिजल्ट प्रकाशन क बाद शिक्षक नियुक्ति के प्रक्रिया शुरू होयत. टीइटी व एसटीइटी में उत्तीर्ण व्यक्ति केवल संबंधित शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल हो भ सकैत अछी.
Wednesday, November 2, 2011
सामा-चकेवा आइ अपन वजूदक लेल संघर्ष कए रहल अछि

भाई-बहिन क पवित्र प्रेम क प्रतीक पर्व सामा-चकेवा आइ अपन वजूदक लेल संघर्ष कए रहल अछि। ओना मिथिलाक किछु भाग मे एखनो लोकगीत स गुंजायमान एहि पर्वक महत्व कायम अछि। छठिक राति स कार्तिक पूर्णिमा तक बहिन क कंठ स निकलैत स्वर लहरी कान मे मधु टपकाबैत अछि। राति कए बहिन सामा-चकेवा क मूर्ति क संग-संग वृंदावन, चुगला आदि स भरल डाला ले कए सामूहिक रूप स जोतल खेत, खलिहान, चौक-चौराहा पर जुटय लगैत छथि। छोट-छोट नैना क संग-संग बूढिय़ा बहिन तक एहि मे हिस्सा लैत छथि। एहि दौरान बहिन ‘गाम कए अधिकारी तोहें बड़का भैया हो, हाथ दस पोखरि खुना दिए, चंपा फुल लगा दिए हे…Ó आदि गीत क संग सामा-चकेवा क मूर्ति एक-दूसर क हाथ मे दकए पहिने अपन-अपन भाईक दीर्घ आयुक कामना करैत छथि। एहि पर्वक खास गप ई सेहो अछि जे एकर गीत मे पर्यावरण संरक्षण क संदेश सेहो देल जाइत अछि। कार्तिक पूर्णिमाक राति बहिन सामा-चकेवा क मूर्ति क संग-संग वृंदावन, चुगला आदि स भरल डाला ले कए जोतल खेत मे जमा होइत छथि। ओहि ठाम सबस पहिने शिरिक आदान-प्रदान होइत अछि। एहि प्रक्रियाक संबंध मे कहल जाइत अछि जे जतेक बहिन स शिरिक आदान-प्रदान करब भाइक बैस ओतेक बढ़त। ताहि लेल बहिन सब टोल-मोहल्लाक एकोटा मौगि स शिरिक आदन-प्रदान करब नहि बिसरैत छथि। एहि दौरान साउस-पुतहु व ननदि-भाउज एक-दोसरा स शिरिक आदान-प्रदान करैत गाउल गीत मे अपन सबटा भाईक नाम एक-एक कए लइत जाइत छथि। फेर प्रतीक रूप म वृंदावन मे आगि लगा कए ओहि मे चुगला कए जड़ा कए गबैत छथि,’वृंदावन मे आगि लागल कियो नहि मिझाबे हे, हमर बड़का-छोटका भईया मिलकए मिझाउत हे।Óबहिन चूड़कक पुतला क मुंह झुलसा कए खराब चरित्र क प्रति विरोध दर्ज कैत ओकरा लेल अपशकुन क कामना करैत छथि। फेर पिछला 15 दिन मे बनाउल एक-एक टा सामा-चकेवा क मूर्ति कए लग कए घर दिस विदा भ जाइत छथि। मुदा भाग्य चक्र स बिमुख दू टा मैना, जेकरा बाटो-बहिन कहल जाइत अछि, तेकरा बाट पर छोडि़ दैत छथि। घर पहुंचला पर भाई स सामा-चकेवा क सबटा मूर्ति तुड़वा लैत छथि। एना खत्म होइत अछि सामा-चकेबाक शापित काल। के छलीह सामा ई लोकपर्व पद्म पुराण मे वर्णित भगवान श्रीकृष्ण क पुत्री साम्बवती व पुत्र साम्ब क पवित्र प्रेम पर आधारित अछि। चुड़क नामक एकटा चुगला श्रीकृष्ण लग चुगलि करैत अछि जे हुनक पुत्री साम्बवती वृंदावन जाइत काल ऋ षि क संग रमण मे लागल छथि। चूड़कक मुख सई सुन क्रोधित भ श्रीकृष्ण पुत्री आ ऋषि दूनू के मैना बनि जेबाक शाप द देलथि। साम्बवती क वियोग मे ओकर वर चक्रवाक (चकेबा)सेहो मैनाक रूप धारण करि लैत अछि। साम्बवतीक भाई साम्ब जखन इ सुनलक त तपस्या करि पिता श्रीकृष्ण कए प्रसन्न करैत अछि आ बहिन-बहनोई कए शाप स मुक्त करैत अछि। ओहि दिन स मिथिला मे सामा-चकेवा पर्व छठिक पारण क राति स कार्तिक पूर्णिमा तक मनाउल जाइत अछि। साभार:- झा विपिन
डिग्री पार्ट टू के परीक्षाफल नहीं प्रकाशित कायल गेला
'भारत में अछि दुनिया के सबस बेसी ग़रीब'

संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) द्वारा जारी केल गेल मानव विकास रिपोर्ट के मुताबिक़ दुनिया के सबस पैघ लोकतंत्र, भारत में, दुनिया के सबस ज़्यादा बहुआयामी ग़रीब रहित अछी.
भारत में 61 करोड़ लोग ग़रीब अछी, जे कि देश की आधी आबादी स बेसी अछी .
रिपोर्ट में गरीब के मूल्यांकनक लेल आय के अलावा स्वास्थ्य, शिक्षा आ जीवन स्तर के तरजीह देल गेल.
रिपोर्ट के मुताबिक बहुआयामी ग़रीबों की संख्या निकालने वाला इ सूचकांक एक समुचित-सटीक तस्वीर पेश करैत अछी जे कि खली आय के मानक मानी का संभव नहीं अछी .
अहि सूचकांक के मुताबिक़ दुनिया के दस सबस ग़रीब देश त सहारा अफ़्रीका में अछी , लेकिन अगर कोनो एक देश के कुल संख्या के बात कायल जाए त दुनिया क सबस ज़्यादा ग़रीब दक्षिण एशियाई देश (भारत, पाकिस्तान आ बांग्लादेश) में रहैत अछी .
सरकार देश में ग़रीबक संख्या आँके के लेल कतेक तरीका अपनेलग आ सरकार मानैत अछी कि देश में सिर्फ एक-तिहाई जनता ग़रीबी रेखा के निचा रहैत अछी .
वर्ष 2011 में अखन तक के सबसे ज़्यादा 187 देश के श्रेणीबद्ध कल गेल जाही में भारत 134वें पायदान पर अछी.
चीन, 101वें पायदान पर आ पाकिस्तान 145वें पायदान पर अछी.
नार्वे, ऑस्ट्रेलिया और नीदरलैंड सूची में सबस ऊपर , अमरीका चौथे जापान 12वें नंबर पर अछि.
1980 स 2011 के समयावधि में दक्षिण एशिया के कतेक देश के तरह भारत के मानव विकास के सेहो बदहाल अछी .
यूएनडीपी में भारत की निदेशक केटलिन वीसेन के मुताबिक, “हमरा भारत में औद्योगिक विकास के कार्यक्रमों पर व्यापक अध्ययन क इ सुनिश्चित कर परत कि अहि के सतत विकास होयत रहे आ वो विकास ग़रीब लोगों के लेल सेहो हुआ.”
Sabhar: BBC Hindi
अखन तक प्रदर्शित मैथिली फिल्म

वर्ष १९९९ के अंत मैथिली फिल्म के स्वर्णिम काल
मैथिली फिल्म के आधुनिक स्वरूप मुखिया जी प्रदर्शन के करिव
कन्यादान .......................................१९७१
जय बाबा बैधनाथ .............................१९७३
ममता गाबे गीत ..............................१९८२
सस्ता जिन्दगी महंग सेनुर ................१९९९
आऊ पिया हमर नगरी .......................२०००
सेनुरक लाज ....................................२००४
कखन हरब दुःख मोर ........................२००५
दुलरवा बाबु .....................................२००६
सेंदुरदान..........................................२००८
सेनुरया{साउथ के मथिली में रूपांतरण} ..२०१०
अपन गाम अपन लोग [अ प्रदर्शित}.........२०१०
पिया संग प्रीत करब कोना ...................२०१०
सजना के अंगना में सोलह सिगार .........२०११
मुखिया जी {कमिग सुन}......................२०११
साभार:-शशि मोहन दरभंगा
Tuesday, November 1, 2011
कोसी में विलुप्त भ रहल अछी दुर्लभ जीव व वनस्पति
निकटवर्ती देश नेपाल स निकलक सहरसा, सुपौल आ मधेपुरा जिला में तबाही मचाव वाली कोसी नदी के बाढ़ नहीं सिर्फ अहि इलाके के आर्थिक धरोहर व सामाजिक संरचना के बिगाड़ का अछि बल्कि आब अहि क्षेत्र में पर्यावरण संतुलन को बनावे वाला जीव व वनस्पति सेहो विलुप्त भ रहल अछी हैं। कोसी नदी के अनवरत धारा बदले, मिट्टी के कटाव आ हर साल बालू की मात्रा बढई स प्राकृतिक इकोसिस्टम नष्ट भ रहल अछि अहि कारण पहिलहे कतेक जीव-जंतु आ मछलियां भ गेल अछी।
वनस्पति विज्ञान के प्राध्यापक डा. अंजनी सिन्हा कहैत छैथ की अहि इलाका में औषधीय महत्व के सैकड़ों वनस्पति पायल जीत चल । शक्तिवर्द्धक महत्व वाला अश्वगंधा, ब्रेन टानिक के रूप में इस्तेमाल होवा वाला ब्रम्ही, उच्च रक्त चाप कम करे वाला सर्पगंधा, प्रसूति टानिक सतावर, काली खांसी आ श्वास रोग के इलाज में उपयोग होवा वाला गिलोय, रक्त वर्द्धक पुनर्नवा, कैंसर रोधी सदाबहार, गठियारोधी सुरंजन, गर्भ निरोधक कपास, आँख के पुतली प्रसारक बैलाडोना आ चर्मरोग के इलाज में प्रयुक्त होवा वाला घी कंवार जेहेन वनस्पित जे इंसानों क जीवनक आधार होइत छल,अहि ठाम खूब भेटैत छल। अहि क लेल दूर दूर स लोक सब अहि ठाम आबैत छलैथ, परंतु आब इ जड़ी- बूटियां खोजलो स नै भेटैत अछी । वनस्पति आ जीव विज्ञान के जानकार के मानव छैन कि अहि वनस्पतियों के कम भेला स अहिपर आश्रित जीव प्रजातियों के संख्या सेहो घटल अछी। बर्बाद भेल वनस्पितयों के कारण ओही पर आश्रित जंगली सुअर, नीलगाय, खिखिर, नकार, शाही आ खरगोश लुप्तप्राय भ चुकल अछी।
अहि क्षेत्र में 122 किस्म के मछलि पायल जाय छल । परंतु हर वर्ष आवे वाला बाढ़ कंडवाल, फोकचा, राजवाम, सुसुक कंचल, लाल कतरा, सुही चंदा, केसिरा चंदा, सावन खड़िका, ठुनका, पतासी, गुथल नगरा, कोसवती, अन्नाई सन मछलि के सेहो अपना संग वाहा का ला गेल। इ सब नाम मात्र एक टा खिस्सा बनी का रही गेल अछी। अगर एतय बचल जीव और वनस्पतियों के संरक्षण प्रदान नहीं कल गेल त आबे बाला समय में इ मात्र इतिहास के एक टा वास्तु रही जायत।
KBC-5 में एक और बिहारी करोड़पति

देश के सबस पैघ रियलिटी शो कौन बनेगा करोरपति में बिहारी टेलेंट अपन पूरा टेलेंट देखा रहल अछी! कौन बनेगा करोरपति सीजन ५ के हॉट सीट पर अमिताभ बच्चन के संग कियक टा बिहारी अहि बेर अपन टेलेंट के परचम लहरेला हां! KBC सीजन ५ में पेशा स शिक्षक मोतिहारी के सुनील कुमार ५ करोड़ जीत क नहीं खली एक टा इतिहास रचला बल्कि एहो साबित क देला जे टेलेंट के जतय गप्प हेतई ओत बिहारी सबस आगा रहत! बिहारक टेलेंट बिहार के गाँव में बासित छाई आ अहि के पूर्ण रूप स साबित काया देला यूनियन बैंक आफ इंडिया में कार्यरत पटना के अनिल कुमार सिन्हा! अनिल कुमार सिन्हा KBC में अपन पूरा टेलेंट के देखबैत १ करोड़ रूपया जीतला! अहि स पहिले KBC-5 में मधुबनी के सरोज देवी आ शेष नाथ झा सेहो अहि प्रोग्राम में अपन उपस्थिति दर्ज करेने छैथ!