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Wednesday, April 11, 2012

जीवन में सबस अहम खुशी अछि -युवराज सिंह

कैंसर स उबरला के बाद स्वदेश वापसी के बाद चैंपियन क्रिकेटर युवराज सिंह बुधदिन कहला कि हुनका अहसास छैन कि पूरा देश हुनका जल्द मैदान पर देख चाहैत छैन आ ओ वापसी जरूर करता लेकिन अखनी ई नहीं कही सकैत छि जे हम कहिया तक वापसी करब। संगही ओ अपन मां शबनम के अपन सबस पैघ प्रेरणास्रोत बतेलैनी।

अमेरिका में कीमोथेरेपी के तीन चरण आ लंदन में किछ दिन रिहैबिलिटेशन के बाद लौटला के बाद युवराज अपन पहिल प्रेस कांफ्रेंस में कहला की, ईश्वर के शुक्र अछि कि हमर जिंदगी लौट आयल। हमारा पता अछि कि पूरा देश के मैदान पर हमर वापसी के बेताबी स इंतजार छैन। हम शत-प्रतिशत फिट भेलाक बड़े मैदान पर वापसी करब। हम खुश छि कि आम आदमी के तरह खा पी सकैत छि। युवराज ने अपन मां शबनम के पिछला कुछ महीना में अपन सबस पैघ संबल बतेला । ओ कहला की , हमर सबस पैघ सहारा हमर मां छियाथ।

महान साइकिलिस्ट लांस आर्मस्ट्रांग स हमरा प्रेरणा भेटल ओ हमर जिंदगी के असली हीरो छियाथ। ओ महान खिलाड़ी छियाथ आ हुनक उपलब्धि लाजवाब अछि। हमरा लेल वापसी केनाई हमर सबस पैघ उपलब्धि अछि। बीमारी के दौरान अहसास भेल कि परिवार, दोस्त, खुशी आ स्वास्थ्य जीवन के लेल सबस महत्वपूर्ण अछि। अपन मां के बारे में युवराज कहला कि ओ हमेशा कानाअ लागैत छलैथ लेकिन हुनक मां मजबूत बनल रहैत छलैथ। ओ कहला की, पिछला दू महीना में हमर मां एको बेर नहीं कनली । कतेको बेर हम बच्चा के तरह कानाय लागैत छलौ त ओ हमरा तसल्ली देत छलैथ। युवराज अपन अनुभव आ जीवन में आएल बदलाव पर एक किताब लिखै के सोची रहल छैथ । ओ कहला की, लिखै की सोच रहल छि । ई किताब जल्दिये आयत। हमर जिंदगी बदल गेल आ हमरा अहसास भेल कि जीवन में सबस अहम खुशी छई ।

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