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Monday, December 24, 2012

देशक युवा छेड़लक इंसाफक जंग


एक बेर जर्मन तानाशाह नाजी प्रताड़ना शिविरक दौरा कय रहल छल । हिटलरक आदेश पर अहि शिविर में यहूदि पर जुल्म ढाएल जा रहल छल , लेकिन मुआयना के वक्त एकटा बच्चाक कराह के सुन क हिटलर शिविर स बाहर चली गेल। शिविर स दूर जाईक लेल ओ रेलक अपन डिब्बा में गेल आ दरवाजा बंद करई आ खिड़कि क परदा गिरावईक आदेश देलक। तानाशाह हिटलर नाजी यातनाक शिकार लोगक चीख स हिल गेल छल आ मौतक मंजर स खुदके अलग महसूस करईक भ्रम में परदा क आभासी दीवारक सहारा लेलक। हिंदुस्तानक हुक्मरान सेहो अहि भ्रमक अहसास क रहल अछि कि पुलिस कारवाई स इंडिया गेट के खाली करेलाक बाद ई चीख बंद भय जायत।
दिल्ली समेत देशक अन्य शहर में युवा वर्ग के स्वत: स्फूर्द प्रदर्शनक एकटा गंभीर निहितार्थ अछि. हाल के दिन में अन्ना आन्दोलन के बाद इ दोसर मौका अछि जहनि देशक युवा स्थापित राजनीतिक दल पर विश्वास नहीं कय क खुद पहल कयला. दुनियाक इतिहास अहि बातक गवाह अछि की छात्रक आन्दोलन हमेशा सरकार पर भारी पड़ल अछि. अन्ना आन्दोलनक प्रति पक्ष – विपक्षक तिरस्कार भाव संभवतः युवा वर्ग के खुद पहल करैक लेल प्रेरित केलक.  इ सब मौजूदा व्यवस्था, सरकार आ स्थापित राजनीतिक जमात के प्रति अविश्वास के सेहो दर्शावइत अछि. आ इ मौजूदा लोकतान्त्रिक व्यवस्थाक लेल खतराक घंटी अछि. राजधानी दिल्ली में भेल नृशंस बलात्कार कांडक बाद लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता सुषमा स्वराज बलात्कारी के लेल फंसीक सजाक मांग केने रहाईथ अहिक बावजूद दिल्लीक छात्र-छात्रा अपन रोषपूर्ण प्रदर्शन में शामिल होईक लेल सुषमा स्वराज या कोनो अन्य नेता के नहीं बजेलैनी. एतय तक की कोनो राजनीति दल स जुड़ल कोनो युवा या छात्र संगठन सेहो अहि आन्दोलन में नेतृत्वकारी भूमिका में नहीं छल. और शायद भारत के इतिहास में इ पहिल एहेन आन्दोलन छल जाही में लड़का स बेसी संख्या में लड़की सब अहि आन्दोलन के नेतृत्व कय रहल छलाईथ.
युवा के ई प्रदर्शन दरअसल देशक सत्ता में रहल विभिन्न सरकारक अनगिनित नाकामीक खिलाफ उपजल गुस्साक मिलल जुलल प्रतिबम्ब छल. साईठक दशक में युवा अपन समस्याक निराकरण वास्ते सरकार लग जाईत छला ओही समय बहुतो नेता युवाक प्रेरणाक स्त्रोत सेहो छला. सत्तर के दशक में युवा अपन समस्या के लय क गुजरात आ बिहार में खुद सड़क पर उतरी क आन्दोलन केने छल. ओही समय राजनीति में गिरावट के दौर शुरू भ गेल छल. ध्यान रहे की ओही आन्दोलनक नेतृत्व जयप्रकाश नारायण सन गैर राजनीतिक हस्ती केने छालईथ नहीं की कोनो दलीय नेता. अस्सीक दशक में त छात्र- युवा आन्दोलन के नेता के असम में अपन राजनीति दल बनावईक जरुरत बुझेलैनी. किएक त मौजूदा राजनीति में कनेको विश्वास नहीं छल. हालांकि ई अलग बात अछि जे असम गण परिषद् या जेपी आन्दोलन स बनल जनता पार्टीक हाल सेहो बाद में ओहिना भ गेल.  
आजुक आन्दोलनकारी युवा राजनीतिक दल स अखन बिलकुल अलग छाईथ बल्कि गैर राजनीतिक छियाईथ. ओ सीधा वैकल्पिक मीडिया यानि फेसबुक , ट्विटर , ब्लॉग के सहारे आपस में संवाद स्थापित करैत छियाईथ आ इंडिया गेट , जंतर मंतर , रामलीला मैदान या कोनो अन्य जगह एकत्रित भय अपन बात सरकार लग राखी रहल छाईथ. अहि युवा पर कोनो राजनीतिक स्वार्थक आरोप नहीं लागायल जा सकैत अछि. हुनक आन्दोलन के सफलताक बाद संभवतः ओ आगा सेहो सक्रीय रहता. आन्दोलनक अहि क्षेत्र में ई नव विकासक सब पक्ष के समझी लेबाक चाही. हुनक मांग सेहो बिलकुल गैर राजनीतिक छियनी. छात्र-छात्रा पर ई आरोप लगा कय ख़ारिज नहीं कायल जा सकैत अछि की ओ चुनाव जीते चाहैत छियाथ.
दिल्ली में भेल सामूहिक बलात्कार कांड स ई बात त साफ़ अछि जे आई राजधानी समेत देशक कोनो ठाम लड़की आ महिला सुरक्षित नहीं छियाईथ. पुलिस लोगक रक्षक स बेसी भक्षक भय गेला.पुलिस के निर्दोष पर लाठी चलावई आ रिश्वत वसूली स फुर्सत नहीं अछि. अंग्रेजक जमाना एक लाठीधारी पुलिस या चौकीदार स बड़का स बड़का गुंडा के में मन में भय छल आजादी के किछु समय बाद तक येह स्थिति छल मुदा वर्तमान समय में गुंडा आवारा त नहीं लेकिन नीक लोगक मन में पुलिस स भय अछि. देश में जेना जेना राजनीतिक स्तर गिरल अछि ताहि ग्राफ में पुलिस प्रसाशनक स्तर सेहो गिरल अछि.
देशक विभिन्न सरकारी क्षेत्र में नीचा स लय क ऊपर तक पसरल भ्रष्टाचारक खिलाफ करवाईक लेल जहैनी अन्ना हजारे सन समाजसेवी जन लोकपालक मांग करैत छियाईथ त पूरा राजनीति जमात हुनका खिलाफ एकजुट भ गेल. आ एकटा एहेन सरकारी जनलोकपाल विधेयक बनेलक जाहि में धन बल वाला भ्रष्ट लोग आसानी स बच निकलई.
की आजुक राजनीति जमात इंडिया गेट पर जुटल आम युवा के आवाज के समझईक कोशिश करत?
राजनीति या कोनो अन्य संगठन के आवाज के आसानी स नज़रअंदाज कायल जा सकैत अछि मुदा आम युवा के आवाज के नजरअंदाज आसन बात नहीं अछि. अहि आवाज के अनसुना केनाई आ एकरा दबावई के लेल जे काज दिल्ली सरकार आ दिल्ली पुलिस केलक एकर गंभीर परिणाम भुगतई पड़तै खास कय सत्ताधारी कांग्रेस सरकार के. 

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