मंहगी कॆहॆन बढल, भाव आकाश चढल, भुख स पॆट जरल कॊना बचत प्राण, आउ न यौ आउ न यौ कतय छि हॆ भगवान,
जी किछु यॆह गीत गाबी रहल छाईथ आई दुनिया कॆ लॊग मंहगाई कॆ अहि दौर स कॊनॊ भारतॆ नहि अपितु विश्वक हरॆक दॆश अहि स जुझि रहल छाईथ! मुदा जकरा लग संसाथन छै ऒकरा कॊनॊ प्रभाव नहि पङै छै! अहि मंहगाई स प्रभावित हॊईत अछि कम आय कॆ व्यक्ति! पैघ शहर मॆ एकर प्रभाव बहुत कम पङै छै! दिल्ली, मुम्बई, आदि शहर मॆ एकर प्रभाव बहुत कम व्यक्ति कॆ पङै छैन! मिथिलांचल कॆ त हाल बहुत बुरा छै आई काईल एकटा बाढि दॊसर अहि मंहगाई कॆ मारि ज्यादातर निम्नवर्ग कॆ परिवार बसैत अछि गांव घर मॆ, आमदनी क साधन सिमित छै आ खर्चा बढि रहल छै! एतवॆ नहि बहुत सारा दैनिक उपयॊग कॆ समान अन्य शहर स बॆसियॆ छै मिथिला, मॆ सरसॊ तॆल दिल्ली मॆ 70 रु किलॊ जहनि कि मिथिला मॆ 80 आ 85 रु किलॊ भॆट रहल अछि, चीनी दिल्ली मॆ 17 रु जहनि कि मिथिलांचल मॆ 20 रु. आदि हरॆक खाधय पदार्थ कॆ मुल्य दिल्ली स बॆसि छै गांव मॆ! रसॊई गैस मॆ 40 रु कॆ अन्दर आखिर कतॆक दिन तक लॊग एहि समस्या स जुझि सकत!
सरकार सॆहॊ सुतल अछि अहि मुद्दा पर ककरॊ कॊनॊ ध्यान नहि छै! आई स किछु साल पहिलॆ मंहगाई दॆश कॆ बहुत पैघ मुद्दा हॊईत छलै! मुदा आई काइल ई आम भ गॆलैया, मंहगाई दर 15% भ गलैया मुदा अहि दिश कॊनॊ ध्यान नहि ! वित्त मंत्री वॆर वॆर कहै छथिन जॆ हम जल्दी अहि पर काबु पाबि लॆब मुदा ईम्हर मंहगाई बॆकावु भ रहल अछि! अन्य मुद्दा सब ल क विरॊधी दल सब हल्लाक रहल छिया मुदा अहि दिश कॊनॊ ध्यान नहि! मिडिया कॆ भुमिका सॆहॊ अहि दिश कम रहैत छै आखिर रहवॊ किएक नहि करतै मिडिया कॆ चाहियै टीआरपी जॆ ऒकरा अहि स नहि भुत प्रॆत आ हँसी कॆ शॊ स भॆटतई आम जनता कॆ मुद्दा स ऒकरा कि ऒना हॆवॊ किएक नहि करै दर्शक सॆहॊ आव जमीन स जुङल रिपॊट कम दॆखनाय पसंद करै छिया!
जनता कॆ आब खुद ई सॊचबाक चाहि आ खुद अहि मुद्दा ल क एबाक चाहि!
जा धरि नहि जागब सबॆर नहि हॊयत, आब अहा लॆल कियॊ आऒर नहि खुद अहा कॆ लङs पङत!
1 comment:
शुभकामना, सोनूजी।
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