आंखि स्क्रीन पर टिकल छल। मोन बेर-बेर एकटा गप दोहरा रहल छल- काश! अगर संरक्षण भेल रहिते त आइ हमर पहचान किछु आओर हाइते। दरभंगा क प्रशासनिक व्यवस्था हो वा फेर सुन्दर सरपट सड़क पर दौड़ैत बग्गी वा रोल्स रॉयल क नाचैत पहिया, सपना सन लागि रहल इ हकीकत कोनो सपना स कम नहि अछि। दरभंगा क बेला पैलेस स्थित विशेश्वर सिंह सभागार मे अपन स्वर्णिम अतीत कए देख सब स्तब्ध छल। दरभंगा फिल्म क्लब क तत्वावधान मे आयोजित वाइव्रेन्ट दरभंगा नामक एहि कार्यक्रम मे 1931 स 1941 क बीच बनल किछु फिल्म क 12 गुना 10 क स्क्रीन पर प्रदर्शन भेल त सभागार कई दशक पाछु चल गेल। ब्लैक एंड ह्वाइट क संगहि रंगीन फिल्म सेहो देखबा लेल भेटल। इ जरूर से एतबा पुरान फिल्म आजुक एचडी सन स्पष्ट नहि छल, बावजूद ओ अपन सुहनगर इतिहास कए देखा देलक जे देखि उत्साह स शरीर क एक एक टा अंग मे कंपन भ गेल। समारोहक क पहिल प्रस्तुति 1941 मे बनल फिल्म छल। इ संभवत: भारत क पहिल रंगीन वीडियो अछि। एहि मे तात्कालिक राजकुमार जीवेश्वर सिंह क उपनयन देखाओल गेल। एहि अवसर पर करीब 130टा राजा दरभंगाक पाहुन बनल छलाह। हुनका सब लेल दरभंगा विशेष विमान क व्यवस्था केने छल, जेकर गवाह दरभंगा क एयरपोर्ट आ इ फिल्म अछि। एहि मे दरभंगाक ओ शान देखबा लेल भेटल जे आब खिस्सा भ चुकल अछि।
दोसर फिल्म ओहि कार्यक्रमक छल जाहि मे शामिल हेबा लेल भारत क वायसराय विटोरी दरभंगा भ्रमण पर आयल छलाह। एहि फिल्म सबहक माध्यम स कईटा नव जानकारी सेहो सभागार मे बैसल लोक सब कए प्राप्त भेल। जेना जखन देश मे केवल दूटा एयरलाईन्स कंपनी होइत छल तखन दरभंगा क अपन एयरलाइन्स कंपनी छल, जेकरा लग दर्जन भरि जहाज छल। समारोह मे देखाउल गेल फिल्म सब मे विदेशी मेहमान सब लेल आयोजित खास पार्र्टी, महमान लेल विशेष अतिथिशाला यूरोपियन गेस्ट हाउस क सुंदरता, मधुबनी स्थित राजनगर किला (जे 1934 क भूकम्प मे खण्डहर भ गेल) सेहो दिखबा लेल भेटल। स्थानीय विधायक संजय सरावगी क कहब छल जे राजनगर क महल क खूबसूरती भारत क कोनो महल क खूबसूरती कए चुनौती द रहल छल। ओ महल कए देख पूरा सभागार वाह आ ओह स्वर उदघोष केलक। समारोह मे सिंहद्वार क खूबसूरती कए देख बहुत लोकक आंखि नोरा गेल। समारोह मे देखाउल गेल अन्य फिल्म मे रेलवे क स्पेशल सैलून दरभंगा क हेरायल धरोहरक टीस जगा देलक। एकटा फिल्म दरभंगाक कारोबारी चेहरा कए उजागर केलक। जाहि कालखंड मे लोक चीनी स अपरिचित छल ओहि समय मे दरभंगाक लोक लोहट मे आधुनिक मशीन युक्त चीनी मिल लगाकए नहि केवल लोक कए चीनी देलक बल्कि लोक कए रोजगार आ किसान कए नकदी फसल देलथि। 1903 मे स्थापित भारत क पहिल अत्याधुनिक चीनी मिल देखबा लेल बिहारक तत्कालीन राज्यपाल क भ्रमण देखबा लेल भेटल। लोहट पर आधारित एहि सिनेमा स दरभंगा क नेतृत्वकर्ता क दूरदर्र्शी व्यावसायिक सोच देखबा लेल भेटल। कार्यक्रम क अंतिम प्रस्तुति एकटा एहन सिनेमा छल ले दरभंगाक बदलल भूगोल कए देखा देलक। एकटा रील मे पोलो क अंतराष्ट्रीय मैच, त दोसर रील मे फुटबाल मैच। पोलो मैदान मे विदेशी खिलाडी आ भारतीय खिलाडी क बीच भ रहल मैच क दौरान दर्शक क भीड़ देख वीरान पड़ल पोलो मैदान सभागार मे खेल प्रेमी लेल उदासी क माहौल बना देलक। भारतीय फुटबाल संघ क नींव सेहो दरभंगा मे राखल गेल छल, जे एकटा फिल्म क प्रदर्शन स बुझबा लेल भेटल। आइ दरभंगा टा नहि पूरा देश इ बिसरि गेल अछि। संघ क पहिल अध्यक्ष विश्वेश्वर सिंह क नाम पर शुरू भेल कप बन्द भ गेल, जखनकि पहिल सचिव क नाम पर शुरू सन्तोष ट्रॉफी आइ तक आयोजित भ रहल अछि। समारोह मे राज परिवारक संग संग दरभंगा कए बनेबा मे जाहि परिवार सबहक योगदान रहल ओहि परिवार क वंशज सब कए विशेष रूप स आमंत्रित कैल गेल छल। मंच स कार्यक्रम क उद्घोषक आ सूत्रधार आशीष झा कहला जे एहि कार्यक्रम क उद्देश्य केवल इतिहास स साक्षात्कार नहि छल बल्कि वर्तमान कए सुंदर बनेबाक कोशिश सेहो अछि। इस अवसर नगर विधायक संजय सरावगी कहला जे अगर हम धरोहर कए निर्माण नहि क सकैत छी त कम स कम एहि धरोहर सब कए नष्ट करबाक काज सेहो नहि करि। ओ धरोहरक संग भ रहल उपेक्षा कए रेखांकित करैत एकरा शीघ्र बंद करबाक मांग केलथि। संस्कृत विश्वविद्यालय क कुलपति डॉ रामचंद्र झा कहला जे इ भूमि ज्ञान क केंद्र रहल अछि आ ओ दिन जरूर आउत जहिया इ भूमि फेर स ज्ञान क केंद्र बनत। एहि मौका पर कईटा गणमान्य लोेक उपस्थित छलथि। कार्यक्रम क आयोजक मिराज सिद्दिकी धन्यवाद ज्ञापन केलथि। दरभंगा लेल सामान्य कार्यक्रम स अलग भेल एहि कार्यक्रम कए देखि सभागार स निकलल एक एक टा दरभंगवी क चेहरा पर गौरवशाली अतीत क गर्व आ वर्तमान क पीड़ा क मिश्रण भाव साफ देखा रहल छल।
साभार : हमर अहि लेख के सम्पादित अंश ई-समाद.कॉम पर प्रकाशित अछि.
दोसर फिल्म ओहि कार्यक्रमक छल जाहि मे शामिल हेबा लेल भारत क वायसराय विटोरी दरभंगा भ्रमण पर आयल छलाह। एहि फिल्म सबहक माध्यम स कईटा नव जानकारी सेहो सभागार मे बैसल लोक सब कए प्राप्त भेल। जेना जखन देश मे केवल दूटा एयरलाईन्स कंपनी होइत छल तखन दरभंगा क अपन एयरलाइन्स कंपनी छल, जेकरा लग दर्जन भरि जहाज छल। समारोह मे देखाउल गेल फिल्म सब मे विदेशी मेहमान सब लेल आयोजित खास पार्र्टी, महमान लेल विशेष अतिथिशाला यूरोपियन गेस्ट हाउस क सुंदरता, मधुबनी स्थित राजनगर किला (जे 1934 क भूकम्प मे खण्डहर भ गेल) सेहो दिखबा लेल भेटल। स्थानीय विधायक संजय सरावगी क कहब छल जे राजनगर क महल क खूबसूरती भारत क कोनो महल क खूबसूरती कए चुनौती द रहल छल। ओ महल कए देख पूरा सभागार वाह आ ओह स्वर उदघोष केलक। समारोह मे सिंहद्वार क खूबसूरती कए देख बहुत लोकक आंखि नोरा गेल। समारोह मे देखाउल गेल अन्य फिल्म मे रेलवे क स्पेशल सैलून दरभंगा क हेरायल धरोहरक टीस जगा देलक। एकटा फिल्म दरभंगाक कारोबारी चेहरा कए उजागर केलक। जाहि कालखंड मे लोक चीनी स अपरिचित छल ओहि समय मे दरभंगाक लोक लोहट मे आधुनिक मशीन युक्त चीनी मिल लगाकए नहि केवल लोक कए चीनी देलक बल्कि लोक कए रोजगार आ किसान कए नकदी फसल देलथि। 1903 मे स्थापित भारत क पहिल अत्याधुनिक चीनी मिल देखबा लेल बिहारक तत्कालीन राज्यपाल क भ्रमण देखबा लेल भेटल। लोहट पर आधारित एहि सिनेमा स दरभंगा क नेतृत्वकर्ता क दूरदर्र्शी व्यावसायिक सोच देखबा लेल भेटल। कार्यक्रम क अंतिम प्रस्तुति एकटा एहन सिनेमा छल ले दरभंगाक बदलल भूगोल कए देखा देलक। एकटा रील मे पोलो क अंतराष्ट्रीय मैच, त दोसर रील मे फुटबाल मैच। पोलो मैदान मे विदेशी खिलाडी आ भारतीय खिलाडी क बीच भ रहल मैच क दौरान दर्शक क भीड़ देख वीरान पड़ल पोलो मैदान सभागार मे खेल प्रेमी लेल उदासी क माहौल बना देलक। भारतीय फुटबाल संघ क नींव सेहो दरभंगा मे राखल गेल छल, जे एकटा फिल्म क प्रदर्शन स बुझबा लेल भेटल। आइ दरभंगा टा नहि पूरा देश इ बिसरि गेल अछि। संघ क पहिल अध्यक्ष विश्वेश्वर सिंह क नाम पर शुरू भेल कप बन्द भ गेल, जखनकि पहिल सचिव क नाम पर शुरू सन्तोष ट्रॉफी आइ तक आयोजित भ रहल अछि। समारोह मे राज परिवारक संग संग दरभंगा कए बनेबा मे जाहि परिवार सबहक योगदान रहल ओहि परिवार क वंशज सब कए विशेष रूप स आमंत्रित कैल गेल छल। मंच स कार्यक्रम क उद्घोषक आ सूत्रधार आशीष झा कहला जे एहि कार्यक्रम क उद्देश्य केवल इतिहास स साक्षात्कार नहि छल बल्कि वर्तमान कए सुंदर बनेबाक कोशिश सेहो अछि। इस अवसर नगर विधायक संजय सरावगी कहला जे अगर हम धरोहर कए निर्माण नहि क सकैत छी त कम स कम एहि धरोहर सब कए नष्ट करबाक काज सेहो नहि करि। ओ धरोहरक संग भ रहल उपेक्षा कए रेखांकित करैत एकरा शीघ्र बंद करबाक मांग केलथि। संस्कृत विश्वविद्यालय क कुलपति डॉ रामचंद्र झा कहला जे इ भूमि ज्ञान क केंद्र रहल अछि आ ओ दिन जरूर आउत जहिया इ भूमि फेर स ज्ञान क केंद्र बनत। एहि मौका पर कईटा गणमान्य लोेक उपस्थित छलथि। कार्यक्रम क आयोजक मिराज सिद्दिकी धन्यवाद ज्ञापन केलथि। दरभंगा लेल सामान्य कार्यक्रम स अलग भेल एहि कार्यक्रम कए देखि सभागार स निकलल एक एक टा दरभंगवी क चेहरा पर गौरवशाली अतीत क गर्व आ वर्तमान क पीड़ा क मिश्रण भाव साफ देखा रहल छल।
साभार : हमर अहि लेख के सम्पादित अंश ई-समाद.कॉम पर प्रकाशित अछि.